-रामगढ़ एसपी पर भी गाज, दोनों को अगले आदेश तक मुख्यालय में योगदान देने का निर्देश

- योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी ने दोनों एसपी को हटाने के लिए की थी सिफारिश

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RANCHI (18 Oct): आखिरकार योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी की बात सीएम हेमंत सोरेन ने मान ली और हजारीबाग व रामगढ़ के एसपी को अगले आदेश तक मुख्यालय में योगदान देने का निर्देश दिया गया है। निर्मला देवी ने सीएम से हजारीबाग एसपी मनोज कौशिक व रामगढ़ एसपी रंजीत कुमार प्रसाद पर आरोप लगाया था कि इन दोनों ने कोयला माफिया और फैक्ट्री मालिकों से मिलकर उनके पति को साजिश के तहत फंसाया है। उनके पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। सीएम ने निर्मला देवी को दोनों एसपी को हटाने का आश्वासन दिया था। क्8 अक्टूबर को इन दोनों एसपी का ट्रांसफर करते हुए अपराध अनुसंधान विभाग में पदस्थापित एसपी अखिलेश झा को हजारीबाग तथा सीआईडी में ही पदस्थापित एसपी सह योगेंद्र साव प्रकरण के अनुसंधानकर्ता को रामगढ़ का एसपी बना दिया है।

योगेंद्र साव के खुले पत्र में थी कारनामाें की चर्चा

गौरतलब है कि जब योगेंद्र साव फरार थे, तब उन्होंने हजारीबाग पुलिस और रामगढ़ पुलिस ने जान बूझकर फंसाने का आरोप लगाया था। योगेंद्र साव ने कहा था कि कोयला तस्करी स्पंज आयरन बनानेवाले बड़े कारखाना के मालिकों एवं सीसीएल के विभिन्न कोलियरी के पदाधिकारियों की मिलीभगत से लाखों टन कोयला उनकी फैक्ट्रियों में विगत कई वर्षो से पहुंचाया जाता रहा है। उन्होंने कहा था कि एसपी रामगढ़ और हजारीबाग एवं संबंधित थाना प्रभारी द्वारा अवैध कोयला तस्करी कारोबार के एवज में मोटी रकम रिश्वत के तौर पर ली जाती है। इस बात की जांच सीबीआई से करने की मांग योगेंद्र साव द्वारा सीएम से की गई थी, ताकि इस मामले का पर्दाफाश हो सके। पत्र में उन्होंने लिखा था कि निगरानी जांच में बहुत से दारोगा एवं एसपी की संलिप्तता पाई गई, जिससे सारा का सारा पुलिस महकमा ऊपर से नीचे तक षडयंत्र रचा और उग्रवादी राजकुमार गुप्ता को ढाल बनाते हुए कोल ब्लॉक कंपनियों के द्वारा आर्थिक सहयोग करा कर जाल बुनकर सुनियोजित तरीके से फंसाया गया।

सीआईडी को बताई पुलिस की कारस्तानी

एडीजी एसएन प्रधान के निर्देश पर सीआईडी की टीम ने योगेंद्र साव को दो दिनों की रिमांड पर लिया है। रिमांड पर योगेंद्र साव ने भी पुलिस की कारस्तानी के बारे में और कोयला माफियाओं के साथ गंठजोड़ की कहानी बताई है।

और हुई थी अरेस्टिंग

गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व हजारीबाग पुलिस ने आपराधिक संगठनों के कुछ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था। इनलोगों ने पुलिस के समक्ष यह बयान दिया था कि तत्कालीन कृषि मंत्री योगेंद्र साव ही इस गिरोह के सरगना हैं। इस बाबत राजनीतिक दबाव बढ़ा। अंत में योगेंद्र साव को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस्तीफा देने के बाद पुलिस की दबिश बढ़ती गई तो योगेंद्र साव लापता हो गए थे। उनकी पत्‍‌नी निर्मला देवी ने निष्पक्ष जांच सीआईडी से कराने की मांग की। सीआईडी की टीम ने उन्हें दिल्ली में मानव तस्कर गिरोह के सरगना पन्ना लाल महतो के आवास से गिरफ्तार किया था। मामले में क्या सच्चाई है, इसकी जांच सीआईडी की टीम कर रही है।