RANCHI: झारखंड टाइगर ग्रुप नाम के आपराधिक गिरोह को संरक्षण देने के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को सीआईडी ने बुधवार को हजारीबाग में एडीजे गरिमा मिश्रा की कोर्ट में पेश किया, जहां से पूर्व मंत्री को एक दिन के न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अब इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी। कोर्ट ने पूरे प्रकरण में योगेंद्र साव के अलावा झारखंड बचाओ आंदोलन के सुप्रीमो मुकेश साव, टाईगर ग्रुप के राजकुमार गुप्ता, मंत्री के भाई धीरेंद्र साव, चचेरा भाई पवन साव, राजू साव, संदीप साव सहित सभी आठ आरोपियों को पेश करने का आदेश दिया है, जहां मामले की सुनवाई के बाद आरोपियों पर अपराध गठित किया जाएगा।

खराब स्वास्थ्य का दिया हवाला

इससे पूर्व पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था में सीआईडी ने तय समय से पहले योगेंद्र को कोर्ट में पेश कर दिया। पेशी के दौरान योगेंद्र ने कोर्ट को अपने खराब स्वास्थ का हवाला देते हुए इलाज हेतू रांची भेजने का आग्रह किया। कोर्ट ने उनकी सारी दलीलें को खारिज कर दी। योगेंद्र की पेशी सीआईडी के अनुसंधानकर्ता अनुरंजन किस्पोट्टा, एसपी एस तमिल वानन के देखरेख में हुई। पेशी को लेकर कोर्ट में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। जिला प्रशासन द्वारा पेशी को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मौके पर योगेंद्र के परिजन संग उनका बेटा मौजूद था।

कोर्ट में पेशी का मिला था निर्देश

गौरतलब हो कि जब सीआईडी ने पूर्व कृषि योगेंद्र साव को दिल्ली से गिरफ्तार किया था, तो उन्हें वहां की अदालत ने तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था। रांची लाए जाने के बाद योगेंद्र साव की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें रिम्स में एडमिट किया गया, जहां डॉ उमेश प्रसाद सिंह की देखरेख में उनका ट्रीटमेंट चल रहा था। इधर, ट्रांजिट रिमांड खत्म होने के बाद सीआईडी ने योगेंद्र साव को तीन दिनों की रिमांड के लिए हजारीबाग की अदालत में आवेदन दिया था, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर हर हाल में बुधवार को योगेंद्र साव को कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश ि1दया था।

भारी सुरक्षा व्यवस्था में हुई पेशी

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की पेशी कोर्ट में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई। जिला प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की परिस्थिती से निपटने के लिए कोर्ट परिसर के अंदर और बाहर विशेष सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम थे। पुलिस की ओर से सीआइडी के पास केस जाने से पहले मामले के अनुसंधानकर्ता बड़कागांव इंस्पेक्टर अवधेश नारायण सिंह के साथ सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार भी दल बल के साथ कोर्ट में मौजूद थे।

पन्ना लाल से क्या है कनेक्शन ?

इधर, सीआईडी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि योगेंद्र साव का मानव तस्कर पन्ना लाल महतो से अच्छे संबंध हैं। पन्ना लाल महतो के साथ वे कैसे जुड़े ? उनसे कैसे जान पहचान हुई? इस बाबत सीआईडी की टीम योगेंद्र साव से पूछताछ करना चाह रही थी। यही वजह थी कि सीआईडी के डीएसपी सह आईओ अनुरंजन किस्पोट्टा ने अदालत में योगेंद्र को रिमांड पर लेने की अर्जी दायर की थी।

पन्ना की तलाश में दिल्ली गई पुलिस

मानव तस्कर पन्ना लाल महतो और उसके सहयोगियों की तलाश में खूंटी पुलिस और सीआईडी की टीम दिल्ली रवाना हो गई है। इस बाबत पुलिस हेडक्वार्टर ने दिल्ली पुलिस से पन्ना लाल महतो की गिरफ्तारी को लेकर मदद मांगी है।

न्यायलय पर पूरा भरोसा

पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मुझे उम्मीद है कि न्यायालय से मुझे इंसाफ मिलेगा। पूर्व मंत्री योगेंद्र के पेशी को लेकर कोर्ट पहुंचे उनके बेटे सुमित ने कहा कि पुलिस के काले कारनामे को सामने लाने वाले मेरे पिता को लेकर अब सीआइडी भी पुलिस की तरफदारी कर रही है। बड़कागांव की जनता सब देख रही है, जिन्हें आज जेल में होना चाहिए वे बाहर है। जिसने सच के लिए आवाज उठाई वह जेल जा रहा है।

एमएलए रहते दूसरी बार जेल

यह दूसरा मौका है जब योगेंद्र को विधायक रहते जेल जाना पड़ा। पहली बार उन्हें एसपी पंकज कंबोज के समय में एनटीपीसी के जीएम तथा बीडीओ के साथ मारपीट करने के आरोप में ख्0क्क् में जेल जाना पड़ा था। उस वक्त योगेंद्र विधायक थे, दूसरी बार मंत्री बनने के बाद जाना पड़ा है। इस बार उनके उपर आपराधिक गिरोह को सरंक्षण और संसाधन देने का आरोप है।