- समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों के कसे पेंच

- कमिश्नर से 15 दिन और डीएम से हर हफ्ते मांगी रिपोर्ट

- पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली पर जताई गहरी नाराजगी

- टेलीफोन और बिजली के निष्प्रयोज्य खंभों को तीन दिन में हटाने का आदेश

बीती रात विकास कार्यो के ताबड़तोड़ निरीक्षण के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मैराथन समीक्षा बैठक की। फ्लाईओवर हादसे के बाद की इस समीक्षा बैठक में जैसा अंदाजा था, उसी तरह विभागों के पेंच कसे गए। तीन घंटे से ज्यादा चली मीटिंग के दौरान सीएम ने जोर विकास कार्यो पर दिया। उन्होंने सभी विभागों की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया मगर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। स्पष्ट कहा कि आंकड़ों के खेल से लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं हो सकती। उन्होंने अगले दौरे तक सभी को काम सुधारने का वक्त दिया है। साथ ही यह भी कहा कि वह कभी भी औचक निरीक्षण पर वाराणसी आ सकते हैं।

जल्द फिर करेंगे दौरा

मंडलीय सभागार में सभी विभागों की बैठक के दौरान सीएम ने विकास कार्यो को तय समयसीमा में पूरा करने पर जोर तो दिया। साथ ही ये भी कहा कि इस चक्कर में गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीएम हर हफ्ते सभी निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजें। यही काम हर 15 दिन में कमिश्नर भी करें। रिपोर्ट में निर्माण स्थल की तस्वीरें, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता आदि का भी जिक्र किया जाए। राज्यमंत्री अनिल राजभर ने बताया कि सीएम ने अगला निरीक्षण दौरा जल्द ही रखने के संकेत दे दिए हैं।

खंभे क्यों नहीं हटाए

बैठक के दौरान सीएम योगी शहर भर में बिजली और टेलीफोन के निष्प्रयोज्य खंभों पर नाराज दिखे। उन्होंने अफसरों से सवाल पूछा कि दो-दो देशों के राष्ट्रपति वाराणसी आए मगर यह खंभे नहीं हटाए जा सके। आईपीडीएस और अन्य योजनाओं में अरबों रुपये फूंकने का क्या फायदा है जब खंभे और इनसे चिपके पोस्टर और बैनर हट ही नहीं रहे। हर जगह लटके तार भी हादसों को दावत दे रहे हैं। उन्होंने तीन दिन के भीतर शहर भर से ऐसे खंभों को हटाने का आदेश दिया है।

इतना गंदा क्यों है शहर!

अफसरों ने लाख छिपाने की कोशिश की मगर सीएम की नजर शहर की गंदगी पर चली ही गई। उन्होंने कहा कि 15 मई की रात औचक रूप से बनारस आने पर उन्होंने देखा कि शहर में सफाई व्यवस्था नहीं के बराबर है। नगर निगम के अफसरों को उन्होंने फटकार लगाई और कहा कि शहर में सफाई व्यवस्था को वह गंभीरता से लें।

पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी रडार पर

पंचक्रोशी यात्रा के डीपीआर के संबंध में पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने जैसे ही चर्चा छेड़ी, सीएम उनपर उखड़ गए। उन्होंने पूछा कि पंचक्रोशी यात्रा हर साल होती है तो यहां मरम्मत और निर्माण के मामले पर पहले क्यों नहीं सोचा गया। ऐन यात्रा के समय अगर रास्ते पर निर्माण और मरम्मत करेंगे तो यात्रा प्रभावित होगी। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अफसरों पर सबसे ज्यादा नाराजगी जताई। चेतावनी दी कि निर्माण कार्यो में हर बार समयावधि बढ़ाने से बाज आएं।

वसूली पर होगी कार्रवाई

सीएम ने वसूली की शिकायतों पर भी कहा कि चौराहे-चौराहे हो रही वसूली को बंद कराएं नहीं तो सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने जिले के सभी विधायकों को भी अपनी निधि से विकास कार्य कराने के निर्देश दिए। बैठक में राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी, अनिल राजभर, विधायक रविंद्र जायसवाल, सौरभ श्रीवास्तव, सुरेंद्र नारायण सिंह, एमएलसी चेतनारायण सिंह, अशोक धवन, केदारनाथ सिंह, लक्ष्मण आचार्य, महापौर मृदुला जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर, क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा महेश श्रीवास्तव, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, आईजी दीपक रतन, डीएम योगेश्वर राम मिश्र, एसएसपी आरके भारद्वाज समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।