लखनऊ (आईएएनएस)। शुक्रवार को योगी आदित्‍यनाथ लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। योगी आदित्‍यनाथ पिछले 37 वर्षों में भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटने वाले पहले मुख्यमंत्री होगें । जब तक वह अपना यह दूसरा कार्यकाल पूरा करेंगे, तब तक वह देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री बन जाएंगे। इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा मिथक भी तोड़ दिया है, जिसने मुख्यमंत्रियों को दुबारा सत्‍ता में नही आने दिया है।

वीर बहादुर सिंह से हुई थी नोएडा मिथक कि शुरूआत

नोएडा मिथक कि शुरूआत तब से हुई जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को नोएडा जाने के कुछ दिनों बाद ही 1988 में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। वीर बहादुर सिंह के इस्‍तीफा देने बाद मुख्यमंत्री बने नारायण दत्त तिवारी ने 1989 ने भी नोएडा दौरे के बाद अपनी सत्ता खो दी थी।इन दो मुख्‍यमंत्री को देखकर मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के रूप में नोएडा से दूर रहे। 1989 से 1991 में मुलायम सिंह यादव का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल था।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे चीफ गेस्ट

राजनाथ सिंह ने नोएडा न जाकर , दिल्ली से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (DND) फ्लाईओवर का उद्घाटन किया था । इसी तरह 2013 में अखिलेश यादव भी एशियाई विकास बैंक (ADB) शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चीफ गेस्ट थे। इससे पहले 2012 में, अखिलेश यादव ने लखनऊ से ही यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया, भले ही 165 किलोमीटर का राजमार्ग ग्रेटर नोएडा से आगरा तक चलता है। 2011 में मायावती ने भी मुख्यमंत्री के रूप में नोएडा का दौरा करके गलती कर दी थी । तब वह नोएडा मिथक को नजरअंदाज करते हुए दलित स्मारक स्थल का उद्घाटन करने के लिए गई थी। जिसके बाद वह भी हार गईं थी। फिर 2012 में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे।

आज योगी आदित्‍यनाथ तोडे़गें कई मिथक

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 25 दिसंबर, 2017 को दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन का उद्घाटन करने के लिए नोएडा का दौरा किया था। मोदी ने तब नोएडा मिथक का मजाक उड़ाते हुए कहा था, "योगी आदित्यनाथ मिथ को झूठ करने के लिए प्रशंसा के पात्र हैं , जो कि एक मुख्यमंत्री को होना चाहिए।" जिसके बाद भाजपा के नेतृत्व में मोदी ने 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था। योगी आदित्यनाथ भी चुनाव प्रचार के दौरान नोएडा का दौरा करते रहे। जिसके बाद नवंबर 2021 में, योगी आदित्यनाथ ने जेवर हवाई अड्डे के उद्घाटन के दौरान कहा था कि , "मेरे पूर्व मुख्यमंत्री नोएडा का दौरा करने से कतराते थे क्योंकि उनके लिए अपना जीवन और सत्ता ज्‍यादा महत्वपूर्ण थी।" साथ ही योगी आदित्यनाथ की सत्ता में वापसी ने नोएडा मिथ को भी खारिज कर दिया है।

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