- परिजनों का आरोप सुरक्षा मांगने पर पुलिस ने दिया था यह जवाब

- पूरे परिवार में इकलौता कमाने वाला था प्रत्युषमणि

- धारदार हथियार से किया गया था वार, फेफड़ा पंचर होने के चलते गई जान

LUCKNOW : बीजेपी नेता प्रत्युषमणि त्रिपाठी की हत्या ने एक बार फिर श्रवण साहू हत्याकांड की याद ताजा कर दी। अपनी जान की सुरक्षा मांगने पहुंचे बीजेपी नेता को पुलिस ने यह कहकर टरका दिया कि तुम 6 फीट के जवान हो तुम्हें सुरक्षा की क्या जरूरत। पुलिस के इस 'शब्दबाण' से परिजनों और समर्थकों में आक्रोश है। उनका आरोप है कि पुलिस समय रहते मदद करती तो शायद बीजेपी नेता की हत्या न होती।

परिवार ने लगाया पुलिस पर आरोप

भाजपा नेता प्रत्युषमणि त्रिपाठी की हत्या के मामले में परिवार वालों ने कैसरबाग पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। परिवार वालों का कहना है कि 25 नवंबर की रात मोहल्ले के रहने वाले सलमान, शिबू, जीशान और उनके अन्य साथियों ने प्रत्युषमणि त्रिपाठी पर जानलेवा हमला किया था। इस मामले में कैसरबाग कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने बस एक आरोपी जीशान को गिरफ्तार कर जेल भेजा था जबकि बाकी आरोपी फरार थे। वहीं पुलिस ने इस घटना के बाद प्रत्युषमणि त्रिपाठी की सुरक्षा के लिए भी कोई बंदोबस्त नहीं किया और आरोपियों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की इस लापरवाही का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने सोमवार की देर रात महानगर के बादशाहनगर रेलवे स्टेशन के पास प्रत्युषमणि त्रिपाठी पर चाकू से हमला कर उनको मौत के घाट उतार दिया।

25 नवंबर को लिखी गई थी पठकथा

कैसरबाग के मॉडल हाउस में भाजपा नेता प्रत्युषमणि त्रिपाठी 25 नवंबर की रात मोहल्ले के रहने वाले सलमान, शिबू, जीशान और अन्य लोगों ने एक युवती के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मारपीट की थी। इस मामले में दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था, लेकिन बाकी आरोपी फरार चल रहे थे।

मात्र डेढ़ महीने की है बेटी

बीजेपी नेता की डेढ़ महीने की बेटी है, जिसका अभी नाम तक नहीं रखा गया। इसके अलावा तीन भाइयों में प्रत्युषमणि इकलौता कमाने वाला था। उसकी पांच साल पहले ही शादी हुई थी। परिवार में उसकी पत्नी प्रतिमा उर्फ रागिनी, बेटी रुद्राक्षी (4), बेटा वंश (2) और डेढ़ महीने की बेटी है। घर पहुंचे पिता के शव को देख कर उन्हें इसी बात का भी अंदाजा नहीं था कि उनके सिर से हमेशा के लिए पिता का साया छीन गया।

पुलिस कार्यकर्ताओं में झड़प

रात पौने एक बजे ट्रॉमा सेंटर पहुंचे डीएम कौशल राज शर्मा और एसएसपी कलानिधि नैथानी अंदर प्रवेश कर ही रहे थे कि प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया था। आक्रोशित लोग मुख्य गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए एसएसपी को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने की मांग की। एएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्रा ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो लोग और उग्र हो गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस अधिकारियों से तीखी झड़प हुई।