1- नीतीश कुमार का जन्म पटना से पचास किलोमीटर दूर बख्तियारपुर में 1 मार्च 1951 को हुआ था। स्कूल के दिनो में उन्हें एक रेलवे लाइन को क्रॉस करके जाना होता था। जहां घंटों तक मालगाड़ी खड़ी रहती थी। एक बार नीतीश गाड़ी के नीचे से क्रॉस कर रहे थे कि तभी ट्रेन चल पड़ी। घबराए नीतीश किसी तरह सुरक्षित बाहर निकल आए। नितीश के दोस्त ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जब नीतीश रेल मंत्री बने तो उन्होंने उसी जगह पर फुट ओवर ब्रिज बनवाया था। जिससे किसी को रेलवे लाइन पार खड़ी मालगाड़ी या ट्रेन के नीचे से क्रास न करना पड़े।

2- नीतीश का बचपन से ही राजनीति को ओर झुकाव था। जिसका खुलास नीतीश के टीचर ने किया था। बचपन से ही उनका राजनीति की तरफ झुकाव था।। जब नीतीश ने रेडियो पर देश के तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री के निधन की खबर सुनी थी तो वह रात के 3:00 बजे उन्हें ये बताने आए थे।

3- बिहार की बोर्ड परीक्षा के बारे में तो आप जानते ही हैं। नीतीश की बोर्ड परीक्षा के दौरान समय पूरा होने पर इनवेजिलेटर ने नीतीश की गणित की कॉपी छीन ली थी। मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने आदेश दिया था कि बिहार बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स को 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाए। जिससे कोई भी छात्र परेशान न हो।

4- नीतीश को अपने गांव से बड़ा लगाव था। वो अक्सर अपने गांव कल्याण बिगहा आया करते थे। यहां जब दोस्तों में झगड़ा होता तो वे सभी दोस्तों को बुलाकार पंचायत बैठाते और खुद पंच बनकर फैसला सुनाते थे।

5- नीतीश में समाज सुधारक की छवि युवा अवस्था से ही थी। अपनी शादी के समय उन्हों ने दहेज के तौर पर मिले 22,000 रुपए ससुराल वालों को लौटा कर कोर्ट मैरिज की थी।

6- नीतीश साल 1998 से 1999 तक रेल मंत्री रहे। पश्चिम बंगाल के गैसल में हुई रेल दुर्घटना पर उन्होंने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में वो साल 2001 से लेकर 2004 तक वाजपेयी सरकार में दोबारा रेल मंत्री रहे।

 

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