--नागपुरी भाषा में वीडियो बनाते हैं ये यूट्यूबर

RANCHI (4 Nov) : राजधानी में इंटरटेनमेंट जगत में यूट्युब पर वीडियो डालने वालों को लगातार कॉपी राइट के क्लेम भेज जा रहे हैं। इन यु-ट्यूबर का कहना है कि उन्हें फर्जी और झूठे और कापीराइट क्लेम भेजा जा रहा है। इसके विरोध में यु-ट्यूब निर्माताओं ने सोमवार को साइबर सेल में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। आरआर म्यूजिक के डायरेक्टर राजू रंजन ने बताया कि बीते कुछ दिनों से नागपुरी निर्माताओं को टारगेट किया जा रहा है। उन्हें फर्जी कापीराइट भेज कर आर्थिक नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। नागपुरी एलबम के निर्माताओं ने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा फेक आईडी बनाकर कापी राइट क्लेम किया जा रहा है। कई एलबम डायरेक्टर के मेल पर यह क्लेम आ चुका है।

80 यूट्यूब चैनल नागपुरी भाषा को कर रहे है प्रमोट

मालूम हो राज्य में नागपुरी गानों के लगभग 80 यूट्यूब चैनल हैं जो गानों का प्रचार-प्रसार करते हैं। इन चैनल्स के जरिए झारखंड के कलाकार न सिर्फ अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं, बल्कि यहां की कला-संस्कृति को भी दूर-दूर तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। क्लेम आने के बाद ये सभी घबराये हुए हैं। एलबम निर्माताओं ने बताया कि जिस फेक आईडी से क्लेम आ रहा है वह पटना से ऑपरेट किया जा रहा है। इसे रशियन सीएमएस नेटवर्क स्टूडियो स्विस जो फेक क्लेम करने का ही काम करता है, इसकी मदद से क्लेम किया जा रहा है। यह नेटवर्क विदेश में बैन हो चुका है और जल्द ही भारत में भी बैन होने वाला है। लेकिन फिलहाल झारखंड के नागपुरी एलबम निर्माताओं का सिर दर्द बना हुआ है।

क्लेम भेज कर मनोबल तोड़ने की कोशिश

श्री वीडियो के डायरेक्टर सनी मंडल ने बताया कि झारखंड के सभी चैनल वाले बहुत ही विकट परिस्थिति में नागपुरी चैनल चला रहे हैं। इनकी कमाई का कोई दूसरा जरिया भी नहीं है। नागपुरी को प्रोमोट करने के लिए ये चैनल वाले कडी मेहनत करते हैं। ऐसी परिस्थिति में क्लेम भेज कर यूट्यूब चैनल वालों का मनोबल तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। झारखंड की क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा के ऑडियो-वीडियो से जुड़े कलाकारों की संस्था झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एसोसिएशन ने इस घटना को काफी गंभीरता से लिया है।