- 31 मार्च को हुआ घर से लापता, पुलिस ने मामले में दिखाई तेजी

- आगरा समेत दूसरे शहरों में सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तब मिला सुराग

आगरा। थाना न्यू आगरा के दयालबाग क्षेत्र निवासी युवक ने क्रिकेट खेलने के लिए घर छोड़ दिया। बिना बताए घर से गायब होने पर परिजनों ने थाने में शिकायत की। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर युवक की तेजी से खोजबीन शुरू कर दी। करीब 100 कैमरों की फुटेज खंगाल डाली। दो महीने से अधिक समय के बाद उसे कानपुर से बरामद किया।

क्रिकेट का शौकीन है छात्र

जयराम बाग, दयालबाग निवासी 19 वर्षीय भूपेंद्र पुत्र देवेंद्र सिंह बीएससी का स्टूडेंट है। भूपेंद्र को क्रिकेट खेलना पसंद है। 31 मार्च की शाम साढ़े चार बजे घर से दयालबाग स्थित शूटिंग रेंज में क्रिकेट खेलने की बात बोल कर गया। इसके बाद घर नहीं लौटा। परिजनों ने एक अप्रैल को थाना न्यू आगरा में गुमशुदगी दर्ज कराई। मामले की जांच कर रहे एसआई अवनीश त्यागी ने आगरा व बाहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भीड़भाड़ वाले इलाकों में उसकी तलाश की। सभी स्थानों पर गुमशुदगी के पम्फ्लेट चस्पा किए। सभी शहरों की डीसीआरबी को भी मामला पहुंचाया गया।

स्टेशन पर दिखा था छात्र

छात्र के न मिलने पर एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह के निर्देशन में एएसपी अभिषेक ने पुलिस टीम का गठन किया। टीम को छात्र की बरामदगी के लिए लगाया गया। पुलिस टीम ने सिटी के करीब 100 सीसीटीवी कैमरे चेक किए। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे में छात्र को ट्रेन में चढ़ते देखा गया। इससे पुलिस को स्पष्ट हो गया कि वह खुद घर से गया है। टीम ने उसे गाजियाबाद के रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे में भी देखा।

एटीएम से रुपये निकालते देखा

टीम ने जब जांच की तो पता चला कि उसने लखनऊ के एक एटीएम से रुपये निकाले हैं। पुलिस टीम दो-तीन बार लखनऊ गई, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। छात्र के पिता भी पुलिस के साथ ही थे। पिता ने पुलिस को बताया कि भूपेंद्र को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक है। इसके बाद पुलिस टीम को पता चला कि छात्र ने कानपुर के एटीएम से रुपये निकाले हैं। टीम कानपुर पहुंच गई। पुलिस ने कानपुर के एटीएम के आसपास भूपेंद्र की फोटो लोगों को दिखाई। पुलिस को पता चला कि एटीएम के पास ही ग्रीन पार्क स्टेडियम है। पुलिस वहां पहुंच गई। बुधवार को वहां पर पुलिस ने उसे बरामद किया। छात्र ने पुलिस को बताया कि उसे क्रिकेट का शौक है। परिजनों से नाराज होकर वह वहां यहां पर आ गया। यहां पर उसने एडमिशन ले लिया। बेटे के मिलने पर पिता ने दोबारा उसका एडमिशन उसी स्टेडियम में करा दिया।