PATNA : इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईजीआईएमएस) में मंगलवार को फर्जी डॉक्टर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। उसने छपरा जिले के तरैया थाना क्षेत्र निवासी सैरा खातून से जांच के लिए खून लिया था। बदले में नौ सौ रुपए वसूले थे। रसीद मांगने पर वह भागने लगा। सुरक्षा गार्ड ने उसे पकड़कर चिकित्सा अधीक्षक डॉ। मनीष मंडल के हवाले कर दिया।

दूसरे डॉक्टर का दिखाया परिचय पत्र

चिकित्सा अधीक्षक ने जब उससे पूछताछ की तो उसने पहले खुद को मेडिकल छात्र बताया। जब आईकार्ड मांगा गया तो उसने खुद को ओटी टेक्नीशियन बताया। फिर उसने एक दूसरे व्यक्ति का परिचय पत्र दिया। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि मरीज से रुपए ऐंठने वाले दलाल को शास्त्रीनगर पुलिस के हवाले किया गया है। वह वैशाली जिले के लालगंज स्थित पटवाटोली निवासी विजय साह का पुत्र राहुल कुमार बताया गया है। उन्होंने बताया कि आईजीआईएमएस प्रशासन की ओर से उस पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।

जांच के नाम पर की ठगी

छपरा के तरैया थाना क्षेत्र निवासी सैरा खातून ने बताया कि वह अपने मरीज के इलाज के लिए शिशु विभाग आई थी। डॉक्टर से दिखाने के बाद वह खून जांच के लिए पैसा कटाने के लिए काउंटर संख्या 34 पर खड़ी थी। तभी राहुल आया और कहा कि 'मैं खून की जांच करा दूंगा आप पैसे दे दीजिए। इसके बाद उसने 900 रुपए दे दिए। रुपए लेने के बाद राहुल ने मरीज से खून का सैंपल ले लिया। जब उसने रसीद मांगी तो कहा कि रिपोर्ट मिल जाएगी। जब रसीद के लिए दबाव बनाया तो वह भागने लगा। तभी सुरक्षा गार्ड ने पकड़कर उसे चिकित्सा अधीक्षक के हवाले कर दिया।