-दिल्ली के बाल सुधार गृह में सुरक्षाकर्मी था अमरदीप कुजूर

-अदालत में नाबालिग की गवाही व मेडिकल रिपोर्ट से दोष सिद्ध

RANCHI: शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने एचआईवी पीडि़त सात साल के बच्चे से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के मामले में झारखंड के युवक अमरदीप कुजूर को दस साल की सजा सुनाई है। अमरदीप कुजूर की दिल्ली स्थित एक बाल सुधार गृह में बतौर सुरक्षाकर्मी के रूप में पहचान की गई है। अदालत में नाबालिग की गवाही और मेडिकल रिपोर्ट से आरोपी का गुनाह साबित हुआ।

बच्चे की गवाही विश्वसनीय

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम मनन ने कहा कि बच्चे की गवाही विश्वसनीय है। उसने गार्ड की पहचान उससे अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने वाले झारखंड निवासी अमरदीप कुजूर के रूप में की है। उसे बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है।

क्0 साल सश्रम कारावास की सजा

उन्होंने कहा कि दोषी द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति यह मांग नहीं करती कि उसे प्रोबेशन पर छोड़ा जाए। दोषी ने बिन मां बाप के एक बच्चे का शोषण किया। उस पर कोई रहम नहीं दिखाया। न्याय तब होगा जब दोषी को दस साल के लिए सश्रम कारावास की सजा दी जाए।

दोषी की दलील खारिज

बताते चलें कि अदालत ने अमरदीप की उसके बचाव में दी गई इस दलील को भी खारिज कर दिया कि पीडि़त एचआईवी विषाणु से संक्रमित है। यदि आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया होता तो वह भी एचआईवी से संक्रमित होता। लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं पाया गया है।