बेवजह घरों से निकले लोगों को फटकार के साथ दुलार से समझाती रही पुलिस

नहीं रोके गए इमरजेंसी या जरूरी कार्य से निकलने लोग, दिखाने पड़े सुबूत

PRAYAGRAJ: लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद माहौल में अचानक चेंज आया। घरों से बाहर रोड पर वही नजर आए जिन्हें जरूरी काम था। बेवजह सड़क पर घूमने वालों को पुलिस सबक सिखाती नजर आई। पुलिस कहीं ऐसे लोगों को डांट पिलाती रही तो किसी जगह मुर्गा बनवा कर भी दंडित किया गया। इस तरह के तरीके उस हर शख्स के साथ पुलिस द्वारा अपनाए गए जो अकारण घूमते दिखाई दिये। इस दौरान वाहनों की चेकिंग भी की गई। यूं तो सड़कों पर सन्नाटा रहा। बावजूद इसके जो दिखे वह पुलिस की पूछताछ व गाडि़यों की चेकिंग से नहीं बच सके। वहीं तफरी के निकले युवकों को पुलिस ने पहले मुर्गा बनाया, इसके बाद घर में रहने की नसीहत के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

हर चौराहे पर तैनात किए गए जवान

सिटी के हर प्रमुख चौराहों को वन-वे कर दिया गया है। चाहे सिविल लाइंस का सुभाष चौराहा हो या हनुमान मंदिर का तुलसी चौराहा। वन-वे व्यवस्था सिविल लाइंस फायर स्टेशन चौराहा, सीएमपी चौराहा पर भी दिखाई दी। बालसन चौराहे वन-वे सिस्टम नजर नहीं आया, पर यहां हर तरफ बैरिकेडिंग कर सख्ती के साथ चेकिंग की गई। अफसरों की मानें तो सिविल पुलिस के जरिये सिटी के अंदर जगह-जगह चौराहों पर कुल 220 बाइक व 165 कार की चेकिंग हुई। इनमें से ज्यादातर लोगों के पास घर से बाहर निकलने के उचित कारण मिले। जिनके पास बाहर रोड पर निकलने की इमरजेंसी वजह नहीं रही उन्हें हिदायत देते हुए वापस लौटा दिया गया।

कोरोना वायरस को गंभीरता लें युवा

झुंड में जा रहे कई युवकों पर नजर पड़ते ही सिविल लाइंस इंस्पेक्टर ने रोक लिया। यह पूछे जाने पर कि कहां जा रहे हैं तो वह उल्टे सीधे जवाब देने लगे। इस पर इंस्पेक्टर द्वारा उन्हें मुर्गा बनाकर दंडित किया गया। साथ ही हिदायत दी गई कि घर में ही रहें। कोराना वायरस के खतरे को गंभीरता से लें। नसीहत देते हुए इंस्पेक्टर ने कहा कि इस खतरे के बीच हम सब रोड पर इसलिए हैं कि आप सुरक्षित घर में रहें। इमरजेंसी कार्य के लिए निकलें तो मास्क लगाएं। इसके बाद सभी को वापस घर भेज दिया गया।