- नेपाल में भूकंप पीडि़तों के लिए रेलवे ने अपनाई नई व्यवस्था

- अब तक 1474 अर्थक्वेक सरवाइवर्स को इशु किए गए हैं टिकट

GORAKHPUR : नेपाल से आने वाले अर्थक्वेक सरवाइवर्स के लिए रेलवे ने नई व्यवस्था शुरू कर दी है. उन्हें सही सलामत घर भेजने में कोई कंफ्यूजन की कंडीशन न आए, इसके लिए उन्होंने पीडि़तों को जीरो वैल्यू टिकट इशु करना स्टार्ट कर दिया है. सीपीआरओ आलोक कुमार सिंह की मानें तो ख्म् अप्रैल से अब तक ख्क्0म् अर्थक्वेक सरवाइवर्स को डिफरेंट ट्रेंस के थ्रू उनके डेस्टिनेशन के लिए भेजा जा चुका है. इनमें से क्ब्7ब् को नई व्यवस्था के तहत यूटीएस काउंटर्स से जीरो वैल्यू टिकट इशु किए जा चुके हैं. सीपीआरओ ने बताया कि आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा. नेपाल से आ रहे पीडि़तों को सही सलामत घर तक पहुंचाना रेलवे की प्रियॉरिटी में है. इसके लिए उच्च अधिकारी और उनकी टीम भी लगी हुई है.

लगातार हेल्प में लगे हैं आपदा राहत केंद्र

नेपाल में भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए 'भूकंप आपदा राहत सहायता केंद्र' बनाया गया है. गोरखपुर जंक्शन के साथ ही नौतनवां और बढ़नी स्टेशन पर आपदा राहत केंद्र लगातार वर्किंग में हैं और ख्ब् घंटे नेपाल से आने वाले सरवाइवर्स की हेल्प की जा रही है. गोरखपुर जंक्शन पर वर्किंग सहायता केंद्र का हेल्पलाइन नंबर 0भ्भ्क्-ख्ख्0ब्89फ् है. इसके लिए एनई रेलवे हॉस्पिटल की टीम के साथ ही स्काउट-गाइड और एनई रेलवे सिविल डिफेंस की टीम भी अपना एक्टिव सपोर्ट दे रही है.

रोडवेज भी एक्टिव मोड में

रेलवेज की तरह ही रोडवेज भी भूकंप में बचे लोगों को सुरक्षित डेस्टिनेशन तक पहुंचाने में लगा हुआ है. ट्यूज्डे नाइट से अब तक करीब ब्0 से ज्यादा बसें फ्000 से ज्यादा पैसेंजर्स को लेकर नेपाल से गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बने रिलीफ कैंप तक पहुंच चुकी हैं. वहीं अब भी वहां फंसे पीडि़तों को लाने का सिलसिला जारी है. आरएम सुग्रीव राय ने बताया कि करीब ख्00 बसें भेजने की प्लानिंग हैं. इसके साथ ही रोडवेज की बसें फ्री ऑफ कॉस्ट राहत सामग्री भी पहुंचाने का काम कर रही हैं.