नई दिल्ली (एएनआई)। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए उसकी प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन- जाइकोव-डी(ZyCoV-D) दो फेज के ट्रायल में सुरक्षित पाई गई है। ऐसे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि ड्रग रेग्युलेटरी बॉडी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अहमदाबाद स्थित ड्रग फर्म Zydus Cadila को उसकी Covid-19 वैक्सीन ZyCoV-D के फेज III का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति दी है। मंत्रालय ने बताया कि Zydus Cadila ने भारत में इस डीएनए वैक्सीन उम्मीदवार के फेज- I/II के क्लिनिकल परीक्षण को पूरा किया था, जिसमें शामिल 1,000 से अधिक प्रतिभागियों और अंतरिम आंकड़ों से पता चला था कि यह वैक्सीन सुरक्षित और इम्युनोजेनिक है।
थर्ड फेज की मंजूरी से लोगों को एक बड़ी उम्मीद दिखी
कोविड-19 के खिलाफ देश के पहले संभावित स्वदेश विकसित डीएनए टीके को थर्ड फेज की मंजूरी से लोगों को एक बड़ी उम्मीद दिखी। मंत्रालय ने कहा अंतरिम आंकड़ों का अध्ययन करने वाली विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर डीसीजीआई ने 26,000 भारतीय प्रतिभागियों में तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए स्वीकृति दे दी है। जैवप्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैवप्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) के तत्वावधान में राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (NBM) ने संभावित टीके के लिए सहयोग प्रदान किया है। डीबीटी सचिव और बीआईआरएसी अध्यक्ष रेणु स्वरूप ने ने खुशी जाहिर की कि टीका सकारात्मक परिणाम दिखा रहा है। इसके अलवा आगे भी यह ऐसी पाॅजिटिव रिजल्ट देता रहेगा।

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