गवर्नमेंट भले ही लाख दावे करती रहे कि इंडिया इकनॉमिक स्लोडाउन की मार से बचने में माहिर है. मगर आंकड़े कुछ और ही कहानी पेश कर रहे हैं. एसोचैम ने जो आंकड़ें पेश किए हैं उससे पता चलता है कि इकनॉमिक स्लोडाउन की वजह से इंडिया के एक्सपोर्ट सेक्टर में कितनी जबरदस्त छंटनी हुई है. केवल एक साल में इस सेक्टर में आई मंदी ने 10 लाख लोगों को बेरोजगार बना दिया है.

एक्सपोर्ट में मिले रियायत

उद्योग मंडल ने गवर्नमेंट से एक्सपोर्ट सेक्टर को प्रोत्साहन के लिए और रियायतों की मांग की है. एसोचैम ने एक बयान में कहा है कि एक्सपोर्ट में भारी कमी के कारण अप्रैल से फरवरी 2013 के दौरान इस सेक्टर में काम करने वाले करीब 10 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं. आने वाले समय में भी इन लोगों के लिए रोजगार की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.

हर सेक्टर पर मार

एक्सपोर्ट में कमी आने की वजह से कई दूसरे सेक्टर्स से भी जॉब की छटनी की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लेदर, परिधान, डायमंड एवं आभूषण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लोगों का रोजगार छूट रहा है. अब इंजिनियरिंग सेक्टर में भी छटनी शुरू हो गई है. अप्रैल से जनवरी की अवधि के दौरान एक्सपोर्ट 4.86 परसेंट गिरकर 239.6 अरब डॉलर रह गया.

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