घात लगाकर किया हमला
सीआरपीएफ के एडीजी आरके विज ने बताया कि चिंतागुफा थाना क्षेत्र से 29 नवंबर को सीआरपीएफ के 223वीं बटालियन और 206 कोबरा बटालियन के अधिकारियों और जवानों को नक्सल विरोधी आभियान में रवाना किया गया था. जिसमें कल वापसी के दौरान नक्सलियों ने कासलपाड़ा गांव के जंगल में पुलिस दल पर घात लगाकर हमला कर दिया. बाद में पुलिस जवानों ने भी नक्सलियों पर जवाबी कार्रवाई की. हमले की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के आइजी ऑपरेशन और सुकमा एसपी अतिरिक्त सुरक्षा बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्िथति संभाली थी.

 

बढ़ सकती जवानों की संख्या
छत्तीसगढ़ के एडीजीपी का कहना है कि कम्युनिकेशन की नाकामी की वजह से यह घटना हुई. पिछले महीने ही नक्सलियों ने पुलिस दल और एयरफोर्स के एक हेलीकॉप्टर पर हमला किया था. अधिकारियों ने बताया कि जवानों के शवों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. घटनास्थल के घने जंगलों के बीच होने के कारण थोड़ी समस्या आ रही है. इलाके में तलाशी अभियान जारी है. शहीद जवानों की संख्या बढ़ सकती है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में आठ नक्सलियों के भी मारे जाने की संभावना जतायी गयी है. हांलकि इस दौरान नक्सलियों का शव बरामद नहीं हुए हैं.

 

ग्रामीणों को बनाया मोहरा
राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नक्सली हमले की निंदा की है और इसे कायरना हरकत कहा है. इसके साथ ही आज वे घटनास्थल का दौरा करेंगे और प्रशासन और पीड़ितो से बातचीत करेंगे. वहीं इस घटना को लेकर अफसरों का कहना है कि नक्सलियों ने पेट्रोलिंग से लौट रहे 120 जवानों को घात लगा कर पहले घेरा, फिर आइइडी ब्लास्ट किया. जब तक जवान कुछ समझ पाते तब तक वे शहीद हो चुके थे. नक्सलियों ने गांव वालों को ढा़ल बनाकर खड़ा कर दिया था तभी वे इतना बड़ा हादसा करने में सफल हुए वरना इतने बड़े हमले में वे कामयाब नहीं हो सकते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि जवान निर्दोष ग्रामीण नागरिकों पर गोली नहीं चलायेंगे.

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk