नई दिल्ली (एएनआई): गुरुवार को दिन में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के सेक्‍योरिटी ब्रीच को लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा और बवाल किया। जब यह कंट्रेाल से बाहर हो गया तो विपक्ष के तमाम सांसदों को निलंबित कर दिया गया। बता दें कि कांग्रेस के पांच लोकसभा सदस्यों को निलंबित किए जाने के बाद, नौ और विपक्षी सांसदों को उसी अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। नौ विपक्षी सांसदों - बेनी बेहानन, वीके श्रीकंदन, मोहम्मद जावेद, पीआर नटराजन, कनिमोझी करुणानिधि, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन और मनिकम टैगोर के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पेश किया था। पहले के स्थगन के बाद दोपहर 3 बजे सदन की बैठक शुरू होते ही सांसदों को निलंबित कर दिया गया। बाद में सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

लोक सभा से 13 सांसद निलंबित
बता दें कि इससे पहले, पांच कांग्रेस सदस्यों को अनियंत्रित व्यवहार के कारण शीतकालीन सत्र के बचे हुए समय के लिए के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था। पूरा विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहा था। पहले दिन के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद यह प्रस्ताव पेश किया गया। जोशी ने कांग्रेस सांसदों - टीएन प्रतापन, हिबी ईडन, एस जोथिमानी, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जो 22 दिसंबर को समाप्त होगा। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच जब प्रस्ताव पेश किया गया और पारित किया गया तो बीजद के भर्तृहरि महताब आसन पर थे।

राज्‍य सभा से डेरेक ओ ब्रायन सस्‍पेंड
जोशी ने कहा कि स्पीकर ओम बिरला ने कल की घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए गृह सचिव को लिखा है और जांच शुरू हो गई है। उन्होंने अतीत के उदाहरणों का हवाला दिया, जिसमें गेस्‍ट गैलरी से कागजात फेंके गए थे, और ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं पहले भी हुई थीं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आह्वान किया। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन को "खराब आचरण" के लिए राज्यसभा में शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर को समाप्त होगा।

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