PATNA: विकास का मतलब सिर्फ उस शहर का विकास नहीं है, जहां हम रहते हैं। जो ईट और सीमेंट-बालू से बना है। विकास का मतलब सांस्कृतिक विकास, आर्थिक विकास और राजनीतिक विकास भी है। विकास की ये धारा लगातार मजबूत हुई है। इसे मजबूत करने में जिन लोगों ने ताकत दी, उनमें से कई सलाम करने लायक विभूतियों को लगातार चौदह दिनों तक आई नेक्स्ट ने शब्द श्रद्धांजलि अर्पित की। हालांकि ऐसे सैकड़ों नाम हैं, जिन्होंने पटना को बनाने में अपनी ऊर्जा लगाई। पूरी जिंदगी झोंक दी। कईयों के नाम आप हम जानते हैं। कईयों ने गुमनाम रहकर भी बड़ा काम किया। क्ब् लोगों के अलावा जिन तमाम महान लोगों ने जीवन के ऊंचे आदर्श और कर्म की ताकत की धारा को ऊंचाई तक पहुंचाया, उन सभी को श्रद्धांजलि देने के लिए आई नेक्स्ट की टीम पटना के दरभंगा हाउस काली घाट पर क्क् बजे पहुंची। आई नेक्स्ट के साथ शहर की कई संस्थाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। ढेर सारे वैसे लोग भी जुटे जो किसी संस्था से नहीं जुड़े थे। सबों की आस्था के इस महाजुटान ने ये संकल्प लिया कि हम अपने पूर्वजों के विचारों की थाती को सहेजेंगे और उनके सपनों का समाज बनाने में पूरी ताकत लगाएंगे। सपने टूटने नहीं देंगे। इस संकल्प की सबसे बड़ी गवाह वह गंगा बनी, जिसने वर्षो तक गंगा किनारे के पटना शहर की सभ्यता को जीवन दिया है। दे रही है।

वे हस्तियां जिनके योगदान को आई नेक्स्ट ने याद किया:

क्.जयप्रकाश नारायण

ख्.रामशरण शर्मा

फ्.विंध्यवासिनी देवी

ब्.शिवपूजन सहाय

भ्.सच्चिदानंद सिंहा

म्.श्यामदास मिश्र

7. ईश्वरी प्रसाद वर्मा

8.उपेन्द्र महारथी

9.काशी प्रसाद जायसवाल

क्0.सर गणेश दत्त

क्क्.नलिन विलोचन शर्मा

क्ख्.बीपी मंडल

क्फ्.तेजनारायण सिंह

क्ब्.शिवेन्द्र सिन्हा

इन संस्थाओं के पदाधिकारी व दर्जनों सदस्य श्रद्धांजलि देने पहुंचे:

छात्र समागम, वेद विद्या मंदिर, विद्यार्थी परिषद्, छात्र राजद, गरीब दस्ता, स्वरांजलि, अखिल भारतीय अपराध विरोध मोर्चा, पब्लिक अवेयरनेस फोरम, तलाश और बिहार यूथ फोर्स।