अपाचे एएच 64डी

अपाचे एएच 64डी लॉंगबो हेलीकॉप्टर सर्वाधिक आधुनिक मल्टी-रोल युद्धक हेलीकॉप्टर है। यह हर तरह के मौसम में रात में युद्धक अभियान संचालित करने की की ताकत रखता है। यह हेलीकॉप्टर थर्मल इमेजिंग सेंसर से काम लेता है। जिससे साफ है रात के अंधेरे में भी दुश्मन इससे बच नही सकता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह एक मिनट से कम समय में 128 लक्ष्यों तक को पहचानने के साथ 16 लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता है। इसका रिकॉर्ड है कि अपाचे ने इराक में कवच को नष्ट करने और अफगानिस्तान के पहाड़ी में छिपे तालिबान को नष्ट किया है।

भारत के 5 ब्रह्मास्‍त्र,जो पलक झपकते दुश्‍मन को कर देंगे साफ

आईएनएस विक्रमादित्य

देश के सबसे बड़े युद्धपोत के रूप में आईएनएस विक्रमादित्य भी इन्हीं 5 ब्रह्मास्त्र में शामिल है।  नवंबर 2013 को भारतीय नौसेना में शामिल विक्रमादित्य को रूस से खरीदा गया है। आईएनएस विक्रमादित्य जबरदस्त ताकत के साथ समंदर की लहरों में उतरने का प्रमाण दे चुका है। इसकी  करीब 600 किलोमीटर दूर से ये युद्धपोत दुश्मनों की हर हरकत को नाम सकता है। यह कारीब विक्रमादित्य 282 मीटर लंबा है। वर्तमान में यह बस चीन के विमान वाहक पोत लियाओनिंग से महज 20 प्रतिशत छोटा है।

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ब्रह्मोस मिसाइल

भारत में ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करने के बाद उसे ब्रह्मोस का नाम दिया गया। भारत ने इसका निर्माण रूस के सहयोग से किया है। ब्रह्मोस 290 किलोमीटर तक की मार करने की क्षमता रखती है और इसका वजन तीन टन है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह जहाज, पनडुब्बी और हवा समेत कई प्लेटफॉर्म से दागी जा सकती है। यह एक सेकेंड में 1020 मीटर की स्पीड तय कर सकती है। इसे उड़ने में बस 35 सेकेंड लगता है। ये मिसाइल ध्वनि की गति से 2.8 गुना ज्यादा गति से उड़ान भर सकती है।

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एसयू-30 एमकेआई

सुखोई एसयू-30 एमकेआई यह विमान भारतीय वायुसेना के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक है। यह 1970 में तैयार हुआ है। इस विमान की सबसे खास बात यह है कि यह सीधे निशाने पर वार करता है। यह विमान टाईटेनियम धातु का बना होता है और इसमें पायलट रडार के माध्यम से पहले से लक्ष्य निर्धारित कर सकता है। भारत ने इधर पिछले कुछ वर्षों में करीब 150 सुखोई विमान सेना में शामिल किए हैं।

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आईएनएस-चक्र

रूस से दस साल के लीज पर ली गई परमाणु पनडुब्बी नेरपा को भारत ने आईएनएस-चक्र-11 नाम दिया है। यह आज भारतीय नौसेना में शामिल है।  आईएनएस चक्र का वजन - 8140 टन और पनडुब्बी की लंबाई करीब 110 मीटर है। इसकी समुद्र में इसकी रफ्तार- 43 किमी प्रति घंटा है। इसे यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन से 90 करोड डॉलर से ज्यादा की अनुबंध राशि पर लिया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि आइएनएस चक्र पनडुब्बी एक बार में तीन महीने से अधिक समय तक पानी के अंदर रह सकती है। इसके पास आईएनएस फॉक्सट्रॉट और किलो श्रेणी एवं 209 श्रेणी की पनडुब्बियां हैं।

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