6 घंटे की थी डेडलाइन
जब बात किसी के दिल की धड़कनों को चलाने की हो तो इसमें सभी सहयोग करना चाहेंगे. आपको बता दें कि यह वाक्या बेंगलूरू-चेन्नई मार्ग का है. एक महिला के दिल का ऑपरेशन करना था, इसके साथ ही उसके बीमारी से खराब हो चुके दिल को निकालकर उसकी जगह दूसरे दिल को फिट करना था. ऐसे में डॉक्टरों के पास सिर्फ 6 घंटे का समय था और सफर था 54 किमी लंबा. 6 घंटे की डेडलाइन देखकर शायद सभी ने यह सोच लिया था कि यह नामुमकिन है. लेकिन ऐसा हुआ और उस महिला की जान भी बचा ली गई.

इंसानियत की मिसाल
इस पूरे घटनाक्रम का सूत्रधार अगर हम आम पब्लिक को मानें तो यह गलत न होगा. जब दिल लिये एक एंबुलेंस रास्ते पर दौड़ रही थी तो उसके लिये कई किलोमीटर के रास्ते पर जितने भी वाहन चल रहे थे, वे सब अपनी जगह पर खड़े हो गये. कई घंटों के बाद रास्ता खुला तो पता चला कि ट्रैफिक के रूकने से किसी की सांसे चलने लगी थीं. डॉक्टरों के मुताबिक हार्ट ट्रांसप्लटेशन अधिकतम 6 घंटे के अंदर हो जाना चाहिये. 8 लोगों की डॉक्टरी टीम ने इस ऑपरेशन को 4 घंटे में इस सफल हार्ट ट्रांसप्लटेशन के ऑपरेशन को अंजाम दिया.

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