इमामों ने दी चेतावनी
जानकारी है कि इमामों ने इंटरनेट कंपनियों की निंदा की है. उनका मानना है कि वेब ऐसे आतंकवादियों की पनाहगाह बनता जा रहा है. ये धार्मिक नेता लंदन, लीसेस्टर, लीड्स, लांकशायर, वेस्टमिडलैंड्स और बकिंघमशायर जैसे शहरों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इमामों ने इसको लेकर चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर आसानी से उपलब्ध चरमपंथी सामग्री पूरे के पूरे समुदाय की एकजुटता को कमजोर कर रही है.

आतंकी संगठन कर रहा है नेट का पूरा इस्तेमाल
गौरतलब है कि इन दिनों इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ आईएसआईएस पश्चिम एशिया में विदेशी लड़ाकों की भर्ती और प्रचार के लिए सोशल मीडिया का बहुत तेजी के साथ इस्तेमाल कर रहा है. इतना ही नहीं आतंकी संगठन की ओर से नेट पर गला रेतते हुए वीडियो, आतंकवादी प्रशिक्षण जैसी कई चीजें अपलोड की जाती हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो इमामों की नयी वेबसाइट इमाम ऑनलाइन को युवा मुसलमानों को इराक और सीरिया में लड़ाई करने जाने से रोकने के लिए शिया और सुन्नी दोनों इमामों की ओर से पूरा-पूरा समर्थन मिल रहा है.

क्या कहते हैं वेबसाइट के संपादक
खबर है कि इस वेबसाइट के संपादक शौकत वारैच ने बताया है, 'भयावह हिंसा और हत्या से लेकर नफरत के बीज बोते उपदेशक तक की तस्वीरें होती हैं. उनमें इस खतरनाक सामग्री में हमें नुकसान पहुंचाने की क्षमता है.' इन्हीं सब कारणों को लेकर इमामों ने ऑनलाइन इस्लामिक चरमपंथी प्रचार के खिलाफ कदम उठाने की ठानी है.

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