1. पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी सी-34) ने अमेरिका, जर्मनी के सैटेलाइट के साथ-साथ कुल 20 सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। इनमें पृथ्वी की निगरानी रखने वाला इंडियन स्पेस शटल काटरेसैट-2 और गूगल की कंपनी टेराबेला का अर्थ इमेजिंग सेटेलाइट भी शामिल है।
2. पीएसएलवी की यह 36वीं उड़ान होगी। इसके साथ ही इसरो ने अब तक 20 देशों के 57 सैटेलाइट लांच किए हैं जिससे करीब 100 मिलियन डॉलर की कमाई हुई है।
3. पीएसएलवी सी-34 के साथ जाने वाले 20 सैटेलाइट का कुल वजन 1288 किग्रा है।
4. रिपोर्ट की मानें तो इस पूरे मिशन में लगभग 26 मिनट का समय लगा।
5. यह पहली बार है जब इसरो ने इतने ज्यादा सैटेलाइट एकसाथ लॉन्च किए। इससे पहले 2008 में इसरो ने एक बार में 10 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे थे।
6. इस लॉन्चिंग में दो अन्य भारतीय 'सत्यभामासैट' और 'स्वयं' भी अंतरिक्ष में भेजे गए।
7. इसरो द्वारा लॉन्च किए गए इन सैटेललाइट की लागत अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों की तुलना में 10 गुना कम है।
8. वर्ष 2013 में अमेरिकी मिनोटॉर-1 रॉकेट ने एक साथ 29 उपग्रह ले गया, और फिर अगले ही साल रूस ने रिकॉर्ड पर कब्जा कर लिया, जब उन्होंने डीएनईपीआर रॉकेट के ज़रिये एक साथ 33 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे।
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