बीजेपी की कोशिशें शुरू

दिल्ली में सरकार बनाने की लिए पार्टी की ओर से कोशिशें शुरू होने की बात कही जा रही है. पार्टी के अधिकतर  नेताओं का मानना है कि यहां बीजेपी  की सरकार बने. सरकार बनाने के लिए 36 के जादुई आंकड़े को छूना जरूरी है पर दूसरी पार्टियों से छत्तीस का आंकड़ा होने के कारण पार्टी के सामने चुनौतियां है. इसके उपाय के रूप में बीजेपी के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं और आम आदमी पार्टी के कुछ नाराज विधायकों की मदद ली जाए.

फिलहाल सस्पेंड है दिल्ली विधानसभा

दिल्ली विधानसभा 14 फरवरी से ही सस्पेंड है. आम आदमी पार्टी के प्रमुख एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन सत्ता में रहने के बाद 14 फरवरी को अपना इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद उप राज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली विधानसभा को सस्पेंड कर दिया था.

दिल्ली में पार्टी प्रमुख के पद पर चर्चा

बीजेपी के एक नेता ने कहा कि कि पार्टी के अधिकतर नेताओं में इस बात को लेकर सहमति है कि यहां सरकार बनाई जाए और यह संभव है. कयास लगाया जा रहा है कि दिल्ली में नए पार्टी अध्यक्ष का चयन इस हफ्ते हो सकता है. पहले इस पद पर डॉक्टर हर्षवर्धन थे जो अब केंद्र में स्वास्थय मंत्री हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री को लेकर कई नाम

अगर दिल्ली में बीजेपी सरकार बनाती है तो चीफ मिनिस्टर की कुर्सी के लिए तीन नाम सामने आ रहे हैं. एक हैं, जनकपुरी के विधायक प्रोफेसर जगदीश मुखी, दूसरे बदरपुर के विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी और तीसरे नाम में राज्यसभा सांसद विजय गोयल के नाम की भी चर्चा है कुछ लोग मीनाक्षी लेखी का भी नाम आगे बढ़ा रहे हैं.

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बिधूड़ी और मुखी को लेकर कयास

दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी के नेताओं में काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है. बिधूड़ी बीजेपी में नये हैं. वह पहले एनसीपी में थे लेकिन चुनाव के समय उन्होनें पार्टी छोड़ दी और बीजेपी ज्वाइन कर ली. यह कहा जा रहा है कि उन्हें एक दर्जन विधायकों का समर्थन प्राप्त है. जरूरत पड़ने पर छह और विधायक उन्हें समर्थन दे सकते हैं लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं को उनकी नेतृत्व-क्षमता पर पूरा भरोसा नहीं है. दूसरी तरफ जगदीश मुखी को सभी गुटों का समर्थन प्राप्त है और वह भी एक प्रबल दावेदार के रूप में सामने आए हैं.

एक कद्दावर नेता की आवश्यकता

डॉक्टर हर्षवर्धन के बाद दिल्ली बीजेपी को एक ऐसे लीडर की आवश्यकता है जो अपने अनुभव और नेतृत्व क्षमता से मजबूत हो. वह नेता न केवल सरकार अच्छे से चलाए बल्कि चुनाव होने पर केजरीवाल का मुकाबला भी करे.

आप और कांग्रेस के बागी विधायकों का समर्थन मिलने की संभावना

जानकार सूत्रों के अनुसार, यदि बीजेपी सरकार बनाती है तो उसे कांग्रेस के छह बागी विधायकों का समर्थन मिलना तय है जबकि आम आदमी पार्टी के भी कम से कम चार विधायक अपनी कुर्सी दांव पर लगाने की कीमत पर भी भावी सरकार को सदन में समर्थन दे सकते हैं.

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