ये घटना उस वक़्त हुई जब योगेंद्र यादव महिला दिवस के मौक़े पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे.

घटना के बाद योगेंद्र यादव ने कहा, "मैं देख भी नहीं पाया कि कौन व्यक्ति था और उसका क्या इरादा था. मैं बिना-देखे जाने उस पर कोई आरोप लगा दूँ तो इसका कोई मतलब नहीं होगा."

उन्होंने कहा, "मैं समझता हूँ कि जब आप राजनीति करने निकलते हैं, बड़ी-बड़ी शक्तियों के सामने खड़े होते हैं तो कुछ क़ीमत देने के लिए तो तैयार होना ही चाहिए."

उन्होंने कहा कि उन्हें अपने ऊपर स्याही फेंके जाने पर कोई शर्मिंदगी नहीं है. उन्होंने कहा, "ये जो भी मेरे चेहरे पर लगा है कम से कम मुझे इसके लिए शर्मिंदगी नहीं हैं. हमने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिसके लिए हमे शर्मिंदगी हो. जिस भाई ने ये किया है भगवान उसे सदबुद्धि दे."

निंदा

योगेंद्र यादव ने कहा, "मैं यहाँ बैठा हुआ मीडिया से बात कर रहा था, अचानक पीछे से कोई आया और उसने मेरे चेहरे पर कुछ लगा दिया, मैं समझ भी नहीं पाया कि उसने क्या लगाया है. एक बार फिर आम आदमी पार्टी के साथ वही हुआ है."

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस घटना की निंदा की है.

भारतीय जनता पार्टी के नेता हर्षवर्धन ने भी घटने की निंदा की है. ये पूछे जाने पर कि क्या स्याही फेंकने वाले बीजेपी कार्यकर्ता हैं, इस पर हर्षवर्धन ने कहा कि वो भाजपा कार्यकर्ता हो ही नहीं सकते और अगर वो भाजपा कार्यकर्ता हुए तो उनपर सख़्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

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