फर्जीवाड़ा की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के अधिकारी पर लगा घूस लेने का संगीन आरोप

डायोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप की शिकायत पर एसएसपी ने एसपी सिटी को सौंपी जांच

ALLAHABAD: इस समय जिन पर शहर में हुए कई घपले घोटालों की जांच का जिम्मा है, उन्हीं की नीयत पर सवाल उठ गए हैं। डायोसिस ऑफ लखनऊ के विशप मोस्ट रेव्ह जॉन ऑगस्टिन ने क्राइम ब्रांच के दरोगा पर आरोप लगाया है उसने 15 लाख रुपये लेकर एक फर्जीवाड़ा के मामले में मुख्य आरोपी का नाम बाहर कर दिया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए एसएसपी आकाश कुलहरि ने इसकी जांच एसपी सिटी को सौंपी है। उधर, मामले की जानकारी के बाद क्राइम ब्रांच में खलबली मची हुई है।

क्या था मामला

जार्ज टाउन थाने में सन 2017 में एक फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज हुआ। इसमें पीपी मरांडी, पीके समंतोरी, एल्वान मसीह, डेनियल सुभान, पीटर बलदेव, राजेश जोजफ, शुआटस के पूर्व प्रतिकुलपति विनोद बी लाल, शशि प्रकाश, डेविड दत्ता एवं कई अज्ञात का नाम शामिल है। सभी पर आरोप है कि इन्होंने ईसाई समाज की सम्पत्तियों एवं स्कूलों को अवैध तरीके से संचालित करते हुए करोड़ों रुपयों का गबन किया। इसमें मुख्य आरोपी डेनियल सुभान ने डायोसीस एजुकेशनल बोर्ड का फर्जी अध्यक्ष बनकर फर्जी सचिव की नियुक्ति की। इसके बाद संस्था एवं स्कूलों से करोड़ों रुपए निकालकर गबन कर लिया। पीटर बलदेव ने अन्य लोगों से मिलकर 25 लाख की एफडी तुड़वाकर गबन कर लिया। शुआटस के विनोद बी लाल ने फर्जी तरीके से पचास लाख रुपए की लग्जरी गाड़ी खरीदी।

पन्द्रह लाख लेकर निकाला नाम

एसएसपी को लिखे पत्र में डायोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप मोस्ट रेव्ह जॉन ऑगस्टिन ने बताया है कि मामले की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के विवेचनाधिकारी ने पन्द्रह लाख रुपए लेकर मुख्य अभियुक्त डेनियल सुभान का नाम बाहर कर दिया है। जबकि अभी मामले की विवेचना जारी है। बिशप का कहना है कि सहायक रजिस्ट्रार सोसाइटी फ‌र्म्स एवं चिटस व साक्ष्यों के आधार पर डेनियल सुभान ही मुकदमे का मुख्य आरोपी है।

डायोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप ने शिकायत की है। विवेचनाधिकारी पर रुपए लेकर मुख्य अभियुक्त का नाम बाहर करने का आरोप है। मामले की जांच एसपी सिटी को दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

आकाश कुलहरि, एसएसपी