डलास (एएनआई)। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने अपनी तरह का पहला सौर ऊर्जा मेन्युफेक्चरिंग अनुबंध हासिल किया है। उसे यह अनुबंध सोलर एनर्जी काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) से मिला है। अनुबंध के मुताबिक एजीईएल 8 गीगावाॅट के सौर परियोजना पर इस वादे के साथ काम करेगी कि वह अतिरिक्त 2 गीगावाॅट के अतिरिक्त सोलर सेल बनाएगी और निर्माण क्षमता भी विकसित करेगी।

यह ठेका दुनिया में सबसे बड़ा, मिलेंगे 4 लाख लोगों को रोजगार

कंपनी ने मंगलवार को अपने बयान में कहा है कि यह ठेका दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा अनुबंध है। 6 बिलियन डाॅलर एकमुश्त निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 4 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे 900 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। इस अनुबंध के मिलने के बाद एजीईएल के अधीन अब 15 गीगावाॅट क्षमता के सौर ऊर्जा का ऑपरेशन होगा। इसमें कुछ निर्माणाधीन हैं जबकि कुछ का निर्माण होना है। इसके साथ ही कंपनी 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरण ऊर्जा वाली कंपनी होगी।

2025 तक 25 गीगावाॅट नवीकरण ऊर्जा विकसित करना लक्ष्य

इस अनुबंध के साथ एजीईएल अपने लक्ष्य के करीब पहुंच गई है जिसमें उसने तय किया है कि उसे 2025 तक 25 गीगावाॅट नवीकरण ऊर्जा क्षमता विकसित करना है। इसके लिए कंपनी 15 बिलियन डाॅलर का कुल निवेश करेगी। यह सब अगले पांच सालों में होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ के पैरिस में क्लाइमेट चेंज को लेकर बैठक में भारत की प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत मौसम परिवर्तन आंदोलन का अगुआ होगा। कोप21 के ज्यादातर चीजों को करते हुए भारत अगले 9 सालों में 2030 तक अपने वादे को पूरा कर लेगा।

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