उत्तराखंड में क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक दिन बना मंगलवार

देहरादून, 19 वर्षो के लंबे इंतजार के आखिरकार स्वतंत्रता दिवस पर उत्तराखंड को तोहफा हासिल हुआ है। उत्तराखंड को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की पूर्ण मान्यता की सौगात मिली है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से चयनित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने ट्यूजडे को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को बीसीसीआई से मान्यता दे दी है। बीसीसीआई के इस निर्णय के बाद खिलाडि़यों के साथ ही क्रिकेट संघों में भी खुशी की लहर है।

हर तरफ से बधाइयां

उत्तराखंड क्रिकेट ने पिछले 19 वर्षो के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। बीसीसीआई जिस कार्य को 19 सालों में नहीं कर पाई, उसको सीओए ने कुछ सालों में कर दिया। इस सफलता के लिए राज्य के खेल मंत्री अरविंद पांडे भी जुटे रहे। दरअसल, राज्य की चारों एसोसिएशन के बीच लंबे समय से मान्यता को लेकर खींचतान जारी थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से चयनित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सभी क्रिकेट संघों को एकजुट करने के कई प्रयास किए। कई दौर की बैठकें जारी रहीं। गत वर्ष कंन्सेस कमेटी का गठन किया। जिसमें सभी संघों के प्रतिनिधियों को शामिल किए। एक वर्ष पूरा होने के उपरांत इस कमेटी का भी कार्यकाल पूरा हो गया था। अब बीसीसीआई ने सीएयू को मान्यता दी है। मान्यता मिलने के बाद सीएयू सचिव पीसी वर्मा के घर पर देर शाम तक बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

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उत्तराखंड क्रिकेट के लिए यह खुशी का दिन है। मैंने बीसीसीआई में किसी क्रिकेट संघ की पैरवी नहीं की। बल्कि केवल स्टेट के खिलाडि़यों की पैरवी की है। मेरी ओर से स्टेट के हर एक खिलाड़ी को बधाई। बीसीसीआई को धन्यवाद देता हूं। खुद दिल्ली जाकर सीओए अध्यक्ष विनोद राय का आभार प्रकट करूंगा।

अरविंद पांडे, खेल मंत्री।

पूरा जीवन क्रिकेट के लिए समर्पित रहा। यही वजह है आज सफलता भी मिली है। इस सफलता में सबकी मेहनत है, जो जिम्मेदारी मिली है, उसको बखूबी निभाने की कोशिश रहेगी। इसके साथ ही अब युवा क्रिकेट प्लेयर्स को खेलने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए बीसीसीआई व प्रशासकों की समिति का आभार है।

- पीसी वर्मा, सचिव, सीएयू।