मोदी सफ़ेद कुर्ता-पजामा और सफ़ेद जैकेट पहने हुए राजघाट पहुँचे और समाधि पर फूल चढाए और मौन रखा. उन्होंने वहाँ मौज़ूद लोगों का अभिवादन भी किया.

इस अवसर पर उनके साथ दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन, भाजपा नेता विजय गोयल, भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर, सांसद मीनाक्षी लेखी और अन्य भाजपा नेता मौजूद थे.

इस बीच मोदी ने ट्वीट किया कि वह राजघाट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने जा रहे हैं. मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के घर जाकर 'उनका आशीर्वाद लिया'. वहां से वो गुजरात भवन पहुँचे, जहाँ भाजपा नेताओं के साथ बैठकों का दौर जारी है.

शाम छह बजे मोदी और उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित किया जाएगा.

शपथ ग्रहण समारोह खुले में आयोजित किया जा रहा है. इसके पहले अधिकांश शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित किए गए थे.

लेकिन पिछले कुछ सालों से यह देखा जा रहा है कि भाजपा के मुख्यमंत्री भी अपना शपथ ग्रहण समारोह बहुत ही भव्य तरीके से खुले में आयोजित करते रहे हैं.

विदेशी मेहमान

राजघाट के बाद अटल से मिले मोदी,बैठकें जारी

मोदी के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने और अंतरराष्ट्रीय रूप देने के लिए दुनिया के कई देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों को आमंत्रित किया गया है.

इनमें अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, मारिशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम, क्लिक करें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़, श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के अलावा नेपाल, अफ़ग़ानिस्तान, मालदीव, भूटान के राष्ट्रप्रमुखों को आमंत्रित किया गया है.

बराक ओबामा ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से असमर्थता जताई है.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने काफी विचार-विमर्श के बाद समारोह में शामिल होने की सहमति दी थी.

इस समारोह में श्रीलंका राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे और नवाज़ शरीफ़ के शामिल होने को लेकर काफी विवाद भी हुआ था.

दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता समेत वहाँ के कई राजनीतिक दलों ने राजपक्षे को निमंत्रित करने पर आपत्ति जताई है. जयललिता समारोह में शामिल नहीं होंगी.

तमिलनाडु के राजनीतिक दल लोग राजपक्षे पर श्रीलंका में तमिलों के नरंसहार का आरोप लगाते रहे हैं.

वहीं कई संगठन नवाज़ शरीफ़ को आमंत्रित करने पर आपत्ति जता रहे हैं. जिस दिन शरीफ ने समारोह में शामिल होने की सहमति दी थी उसी दिन अफ़ग़ानिस्तान के हेरात स्थित भारत के वाणिज्यिक दूतावास पर चरमपंथियों ने हमला किया था.

शपथ ग्रहण समारोह से पहले पाकिस्तान और श्रीलंका ने अपनी जेलों में बंद कई भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया था. इसे सद्भावना के तौर पर उठाए गए क़दम के रूप में देखा जा रहा है.

राजघाट के बाद अटल से मिले मोदी,बैठकें जारी

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं समेत देश-विदेश के क़रीब चार हजार अतिथि भाग लेंगे.

सुरक्षा व्यवस्था

शपथ ग्रहण समरोह के लिए देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाग लेने से असमर्थता जताई है.

शपथ ग्रहण समारोह के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं. समारोह की सुरक्षा व्यवस्था ठीक वैसी ही है, जैसी कि गणतंत्र दिवस समारोह में होती है. यानी की ज़मीन से लेकर आसमान तक पैनी नज़र रखी जाएगी.

राष्ट्रपति भवन और आसपास के इलाक़ों पर दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों के जवान पैनी नज़र रखेंगे. वायुसेना ने हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं.

राष्ट्रपति भवन के आसपास की सभी सड़कों पर यातायात दोपहर बाद बंद कर दिया जाएगा. शाम छह बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही आसपास के कार्यालय पांच घंटे पहले ही बंद कर दिए जाएंगे.

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