JAMSHEDPUR: साकची ठाकुरबाड़ी रोड़ में तीन देवियों की भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सह मंदिर उद्घाटन समारोह के पांचवें दिन सोमवार की सुबह 08:15 बजे से देवी प्रतिमाओं का पूजन किया गया। इसके बाद तीनों देवियों का घी अधिवास किया गया। पूजन का सभी कार्य विधिवत रूप से आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी महाराज के सानिध्य में वेद मंत्र के ज्ञाता 21 पुजारियों की मंडली की ओर से किया गया।

जमकर की आतिशबाजी

सोमवार की शाम को राजस्थान के झुंझुनूं से आयी दादीजी की अखंड ज्योति मंदिर पहुंचने पर भक्तों ने जमकर अतिशबाजी की। अखंड ज्योति मंदिर में रखी गई। मंगलवार को नगर भ्रमण में अखंड ज्योति भी शामिल की जाएगी। मंगलवार 25 की सुबह पूजा के बाद 11:15 बजे देवी प्रतिमाओं का भव्य नगर भ्रमण का मंदिर परिसर से शुभारंभ होगा। शोभा यात्रा के संयोजक महावीर अग्रवाल, पवन अग्रवाल और अशोक मोदी हैं। नगर भ्रमण में मुख्य अतिथि अयोध्या के प्रमुख संत एवं पूर्व सांसद राम विलास वेदांती जी महाराज उपस्थित रहेंगे। इस भव्य शोभा यात्रा में झुंझुनूं से आयी दादी की ज्योति, दादी की भव्य झांकी, दादी के निशान, माता लक्ष्मी की झांकी, राम दरबार, माता अंजनी की झांकी के साथ ही बाबा श्याम के फाल्गुन उत्सव के उपलक्ष्य में बाबा श्याम का भव्य दरबार, बाबा श्याम के निशान, फूलों की होली आदि आकर्षण के केंद्र होंगे।

इनकी रही मौजूदगी

सोमवार की सुबह पूजा में मुख्य यजमान राजकुमार चंदुका, प्रमोद कुमार अग्रवाल, रामू झाझरिया, अशोक मोदी, पवन देबुका, कमल मवाडि़या, विजय अग्रवाल, महावीर अग्रवाल, आशीष चैधरी, बाबुलाल गर्ग, रामवतार अग्रवाल उपस्थित थे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सह मंदिर उद्घाटन समारोह में सोमवार को भजन संध्या के मौके पर जमशेदपुर पूर्वी केविधायक सरयू राय भी शामिल हुए।

कृष्ण की बाल लीला का बाखान

साकची ठाकुरबाड़ी रोड़ में तीन देवियों की भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में सोमवार की शाम को मथुरा वासी आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी महाराज ने व्यासपीठ से कृष्ण की बाल लीला और फूलों की होली पर कथा का वर्णन और महिमा का गुणगान किया। भक्तों को संबोधित करते हुए आचार्य बांके बिहारी ने कहा कि श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व के अनेक पहलू हैं। वे मां के सामने रूठने की लीलाएं करने वाले बालकृष्ण हैं तो अर्जुन को गीता का ज्ञान देने वाले योगेश्वर कृष्ण। इस व्यक्तित्व का सर्वाधिक आकर्षक पहलू दूसरे के निर्णयों का सम्मान है। कृष्ण के मन में सबका सम्मान है। वे मानते हैं कि सभी को अपने अनुसार जीने का अधिकार है। आचार्य ने कहा कि सुख तो परमात्मा में ही है, जिसे हर समय याद रखना चाहिए। महाराज जी ने लोगों को भक्ति भाव पूर्व में होली पर्व के भाव में बताया। प्रवचन के समापन पर वृंदावन की तरह फूलों की होली खेली गई, जो आकर्षण का केंद्र रही। फूलों की होली पर भजन के साथ भक्तों ने नृत्य भी किया।