- लैग्वेज और कम्यूनिकेशन स्किल के कारण गिरा प्लेसमेंट का ग्राफ

- सम्बद्ध कॉलेजों में 60 फीसदी स्टूडेंट्स को नहीं मिला था प्लेसमेंट

LUCKNOW: डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से एफिलिएटेड इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों के स्टूडेंट्स के लिए पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। इसके तहत यूनिवर्सिटी कोचिंग सेंटर खोलकर स्टूडेंट्स के पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट में मदद करेगा। इसमें खासतौर पर ऐसे स्टूडेंट्स पर जोर दिया जाएगा जिनकी कम्यूनिकेशन स्किल काफी कमजोर है। जिन्हें खास तौर पर इंग्लिश भाषा में पकड़ कमजोर है। ऐसे स्टूडेंट्स को इंग्लिश सीखाने के साथ-साथ उनकी पर्सनालिटी डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ प्लेसमेंट की भी तैयारी कर सकें।

60 फीसदी तक आया था प्लेसमेंट में गिरावट

बीते साल एकेटीयू से संबद्ध इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में 60 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट नहीं हो सका था। इन सभी स्टूडेंट्स में इंग्लिश कमजोर होने के साथ पर्सनालिटी डेवलपमेंट काफी कम था। जिस कारण से इंडस्ट्री ने ऐसे स्टूडेंट्स को योग्यता होने के बावजूद भी नौकरी देने से इंकार कर दिया। इसके चलते स्टूडेंट्स को कंपनियों में नौकरी नहीं मिलने की समस्या आई थी। यूनिवर्सिटी की ओर से हुए कैंपस प्लेसमेंट में इसी समस्या के चलते स्टूडेंट्स को नौकरी नहीं मिलने की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा था। अब यूनिवर्सिटी की ओर से अब स्टूडेंट्स की इंग्लिश में कमजोरी संबंधित प्रॉब्लम को दूर करने की तैयारी की जा रही है।

कॉलेजों में जून माह से स्पोकेन इंग्लिश कोर्स

यूनिवर्सिटी की ओर से इंग्लिश बोलना सिखाने और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए स्पेशल क्लासेस की शुरुआत होगी। एकेटीयू आईआईटी के साथ मिलकर इसकी शुरुआत करेगा। इसमें स्टूडेंट्स संग शिक्षिकों को भी तकनीकी ज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी शुरुआत जून से सभी कॉलेजों में किया जाएगा।

गिरते ग्राफ ने बढ़ाई चिंता

एकेटीयू के कॉलेजों में स्टूडेंट्स के एडमिशन की गिरती संख्या को देखते हुए इस बारे में निर्णय लिया गया है। आईआईटी के साथ मिलकर अब यूनिवर्सिटी की ओर से शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाया जाएगा। इसमें पहले चरण में सभी कॉलेजों में छात्रों को आधुनिक तरीकों से पढ़ाने की शुरुआत होगी। इसके लिए कौशल विकास कार्यत्म के तहत शिक्षिकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें शिक्षिकों को पढ़ाने के पुराने तरीकों की जगह नए आधुनिक तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। किताबों की जगह ई.बुक और ऑनलाइन पीडीएफ डाउनलोड आदि के बारे में भी बताया जाएगा। जिससे छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ सके।

रोजगार में आ रही है समस्या

राजधानी में एकेटीयू से करीब दो दर्जन से अधिक कॉलेज सम्बद्ध हैं। जिसमें करीब 30 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। इनमें से अधिकांश स्टूडेंट्स कमजोर इंग्लिश के कारण अच्छी कंपनियों में रोजगार नहीं हासिल कर पा रहे हैं। बीते साल यूनिवर्सिटी की ओर से लगाए गए रोजगार मेले में देश की कई नामी कंपनियां शामिल हुई थीं, लेकिन इसमें बहुत कम स्टूडेंट्स ही नौकरी हासिल कर पाए थे। अच्छी इंग्लिश न जानने के अभाव में कई स्टूडेंट्स इंटरव्यू तक भी नहीं पहुंच सके थे।

इंटरव्यू के दौरान बड़ी कंपनियां इंग्लिश में ही सवाल-जवाब करती हैं। ऐसे में इंग्लिश की क्लासेस से आने वाले समय में अधिक से अधिक स्टूडेंट्स को बेहतर रोजगार मिल पाएंगे।

डॉ। विनय पाठक, वीसी एकेटीयू