डस्टबिन और डीपी में पड़े कूड़े में चारा की तलाश में कचरा फैला देते हैं छुट्टा मवेशर

नगर निगम हटा रहा है डीपी बिन्स, कुंभ मेला के दौरान लगाए गए डस्टबीन हो चुके हैं गायब

PRAYAGRAJ: स्मार्ट सिटी इंदौर में आपको हर 100 मीटर की दूरी पर एक डस्टबिन, 200 मीटर की दूरी पर डीपी बिन्स मिलेगा। शॉपकीपर्स के सपोर्ट के चलते हर शॉप के बाहर डस्टबिन दिख जाएगा। प्रयागराज में उल्टा हो रहा है। यहां डस्टबिन हटाने की तैयारी है। इसके पीछे नगर निगम का लॉजिक चौंकाने वाला है। अफसर कहते हैं कि डस्टबिन से कचरा इकट्ठा कम सड़क पर फैल अधिक रहा है। जिसके लिए इंसान ही नहीं आवारा जानवर भी जिम्मेदार हैं। यह लॉजिक काफी हद तक सही भी है। क्योंकि, शहर में चारों तरफ आवारा पशुओं का आतंक है। कोई भी ऐसा एरिया नहीं है, जहां झुंड के झुंड सड़क पर घूमते हुए गाय-भैंस, कुत्ता आदि जानवर न दिख जाएं। शहर में रोड साइड व गलियों में जहां भी कचरा फेंका जाता है, वहां इन आवारा पशुओं का अधिक जमावड़ा रहता है। छोटे-छोटे डस्टबिन के साथ ही नगर निगम द्वारा बड़े-बड़े डीपी बिन्स लगाए गए हैं। आवारा जानवर उन तक भी पहुंच जाते हैं। सड़क पर घूमने वाले गाय-भैंस और बैल द्वारा कचरे को डीपी बिन्स से बाहर गिरा दिया जाता है।

यहां से हटाए गए डीपी बिन्स

कालिंदीपुरम में पूर्वाचल चौराहा के पास से

पीडी टंडन रोड पर बीएचएस के सामने से

जानसेनगंज में घंटाघर जाने वाली रोड पर एसबीआई के सामने से

मुट्ठीगंज में हटिया चौराहा और कटघर रोड पर गौतम सिनेमा के बाहर से

मेरे वार्ड में एक भी डस्टबिन नहीं है। सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डस्टबीन की जरूरत भी नहीं है। डस्टबीन की वजह से कचरा फैलता है। इस समय काम्पैक्टर के जरिये कचरा निस्तारण की व्यवस्था सबसे बेस्ट है।

मो। आजम

पार्षद, चकिया

मुझे लगता है कि शहर के सभी वार्डो में इस समय सफाई व्यवस्था काफी बेहतर है। डस्टबिन भले ही हर जगह नहीं अवेलेबल हैं, लेकिन कर्मचारी सफाई पर पूरी नजर रखे हुए हैं। डस्टबिन से कचरा फैलने लगता है।

नेम कुमार यादव

पार्षद, बादशाही मंडी

'फैला है कचरा, तो पब्लिक भी है जिम्मेदार'

जहां पर कूड़ा फेंका जा रहा है वहां डस्टबिन क्यों रखा जाए?

जहां डस्टबीन रखा गया है, वहां कचरा फेंका जाए।

एमएसडब्ल्यू में 2016 में कहा गया है कि जो कूड़ा जेनरेट कर रहा है, उसी की जिम्मेदारी है, कचरा डिस्पोज करने की।

डीटीडीसी कर रहे कर्मचारी को दिया जाए कचरा।

झाड़ू लगाने वाले और हत्थू ठेला लेकर कचरा उठाने वाले कर्मचारी को दिया जाए कचरा।

पब्लिक की आदत ही गलत है, जहां मन किया, वहीं कचरा फेंक दिया।

अभी अगर कचरा फेंकने पर भी पेनाल्टी लगने लगे, तो कचरा कहीं भी सड़क पर नहीं आने पाए।

उत्तम कुमार वर्मा

पर्यावरण अभियंता

नगर निगम प्रयागराज