नई दिल्ली (एएनआई)। ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने और इसे एक गैरकानूनी संगठन घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया। एआईबीए ने एक बयान में कहा कि सरकार को पीएफआई नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त कर देना चाहिए और एक अलग बैनर के तहत पुनर्जन्म के अपने प्रयासों को रोकना चाहिए। बार एसोसिएशन ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाकर राष्ट्रीय एकता और एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए एक और "सर्जिकल स्ट्राइक" करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया।
पीएफआई अलग-अलग नाम से न पनपे
वरिष्ठ अधिवक्ता और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने बयान में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अनुरोध किया कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के प्रहरी बने रहें, सतर्क रहें और सुनिश्चित करें कि पीएफआई अलग-अलग नाम से न पनपे। एआईबीए ने 23 सितंबर के अपने अनुरोध को याद किया और कहा कि वह पीएफआई के गिरफ्तार नेताओं और कैडरों को फिर से चार्जशीट दाखिल करना चाहता है और मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन करना चाहता है ताकि त्वरित सुनवाई और फैसला सुनिश्चित किया जा सके। एआईबीए ने कहा यह संगठन को जड़ से उखाड़ फेंकने का सही समय है।

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