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-चौक की संकरी गालियों में दमकल तक गाड़ी जाने का रास्ता नहीं

PRAYAGRAJ: राजधानी दिल्ली के बेहद संकरे इलाके में आग लगने की घटना के बाद 43 लोगों ने दम तोड़ दिया। गलियां बेहद संकरी थीं, जिससे वहां रेस्क्यू वर्क में मुश्किलें आई। बेहद डेंस एरिया में घटनास्थल होने से वहां तक दमकल की गाडि़यां नहीं पहुंच पाई। इस घटना के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने अपने शहर का जायजा लिया तो हालात चौंकाने वाले मिले।

कई दुकानें, बड़ा रिस्क

चौक एरिया में कपड़ों के साथ-साथ आतिशबाजी और बिजली की दुकानें भी मौजूद हैं। वहीं सरेआम सिलिंडर का इस्तेमाल किया जाता नजर आता है। यहां पर शाहगंज, रानी मंडी, लोकनाथ, बांसमंडी, बहादुरगंज जैसी तमाम गलियां हैं, जिनमें से से निकलना बहुत ही मुश्किल है। ऐसे में यहां पर अगर कभी आग लग गई तो बचकर निकलना मुश्किल हो जाएगा, रेस्क्यू ऑपरेशन तो बहुत दूर की बात है।

बारूद और प्लास्टिक साथ-साथ

चौक एरिया में एक बिल्डिंग ऐसी भी है, जिसमें बारूद और प्लास्टिक का बिजनेस साथ-साथ चलता है। यह बिल्डिंग है नेहरू कॉम्पलेक्स। इसके अलावा बारामदा में भी खिलौने की दुकानें हैं। यहां भी गलियां बहुत ज्यादा संकरी हैं और अगर कोई हादसा होता है तो एक भी एग्जिट प्वॉइंट तक नहीं है।

सबक सीखने को तैयार नहीं

ऐसे हालात में अगर यहां कभी आग लगी तो हालात को काबू कर पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। गौरतलब है कि पहले भी चौक क्षेत्र में अगलगी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में यहां के व्यापारियों का लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। लेकिन इसके बावजूद कोई भी सबक सीखने को तैयार नहीं है।

अग्निशमन यंत्र भी नहीं

आग के मामले में इतना संवेदनशील होने के बावजूद चौक एरिया में जबर्दस्त लापरवाही बरती जाती है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में यहां कई दुकानों में फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स तक नहीं मिला।

पुरानी घटनाएं

चौक में पिछले डेढ साल में आग की चार बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं फिर भी प्रशासन जागने का नाम तक नहीं ले रहा हैं। आग लगने से कई लोग झुलस गए तो कही जान जाते-जाते बची हैं।

09 फरवरी 2019

नेहरू शॉपिंग काम्पलेक्स के तीसरी मंजिल में आग लगी थी। आग की तेज लपटों ने आस-पास के गोदामों व दुकानों को चपेट में ले लिया था। आग बुझाने के चक्कर में कुछ लोग फंस भी गए थे।

02 मई 2019

चौक बाजार में कपड़े की तीन दुकानों में आग लगी थी। जिससे कई लाख का सामान तक जलकर राख हो गया था।

01 जुलाई 2019

को चौक एरिया के शाहगंज इलेक्ट्रानिक मार्केट में आग लगने से भगदड़ की स्थित हो गई थी।

18 जून 2018

चौक बरामदा में भीषण आग लगने से छह दुकानें जलकर राख हो गई थी।

एनबीसी की अनदेखी

किसी भी तरह की इमारत का निर्माण नेशनल बि¨ल्डग कोड ऑफ इंडिया-2005 की शतरें के मुताबिक होना चाहिए। एनबीसी-2005 में हर तरह की इमारत के निर्माण को लेकर शर्ते दी गई हैं। एनबीसी के पार्ट-4 में फायर एंड लाइफ सेफ्टी को लेकर भी शर्ते दी गई हैं। इनके पालन के बाद ही निर्माण की अनुमति दी जाती है। लेकिन छोटे एरिया का हवाला देकर इसे अनदेखा कर दिया जाता है।

वाटर-हायड्रेंट का आता-पता नहीं

शहर में आग से निपटने के लिए 180 वाटर हायड्रेंट लगाए गए थे। वाटर हायड्रेंट विशेष प्रकार के नल होते हैं। जहां से अपातकालीन स्थिति में दमकल की गाडि़यां पानी भरती हैं। हौज पाइप लगाकर गाडि़यों में पानी भरा जाता हैं। लेकिन कुंभ के दौरान चौड़ीकरण के दौरान यह वॉटर हाइटे्रंड गुम हो चुके हैं।

यहां हैं संकरी गालियां

-चौक मीरगंज

- चौक के शाहगंज इलेक्ट्रॉनिक बाजार

- लोकनाथ

- रानी मंडी

- अतरसुइया

-बहादुरगंज

-बांस मंडी

- बरामदा