सचिव ने सभी बीएसए को पदोन्नति की प्रक्रिया रोकने का दिया निर्देश
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ALLAHABAD: लंबे इंतजार के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर मिलने वाली खुशियों पर बे्रक लग गया। पदोन्नति को लेकर चल रही प्रक्रिया को रोकने के लिए सभी जिलों के बीएसए को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षकों के प्रमोशन में टीईटी उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता का आदेश होने के बाद परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पदोन्नति प्रक्रिया अगले आदेश तक स्थगित रहेगी।

एक माह में पूरी होनी थी प्रक्रिया
परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व उच्च प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों की जिले में वास्तविक संख्या में से अंतर जिला तबादले के विज्ञापित पदों को छोड़कर शेष पदों पर पदोन्नति के आदेश जारी हुए थे। परिषद सचिव ने 28 मार्च 2018 को जारी आदेश में कहा था कि बीएसए यह प्रक्रिया एक माह में पूरी कर लें। हाईकोर्ट ने पहले उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए उन्हीं शिक्षकों को अर्ह करार दिया था, जो टीईटी उत्तीर्ण हों, जबकि बीते 15 मई को हाईकोर्ट ने नए आदेश में कहा है कि पदोन्नति पाने वाले हर शिक्षक का टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

पुराने नहीं हैं टीईटी उत्तीर्ण
परिषदीय स्कूलों में नए नियुक्त शिक्षक तो टीईटी उत्तीर्ण हैं, लेकिन, वर्षो से नौकरी कर रहे शिक्षकों ने यह परीक्षा पास नहीं की है। हाईकोर्ट के आदेश और जिलों में शिक्षकों की अर्हता को देखते हुए परिषद सचिव सिन्हा ने पदोन्नति प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी है। इस आदेश के बाद प्रदेश के सभी जिलों में पदोन्नतियां जहां की तहां रुक जाएंगी। नए आदेश में टीईटी उत्तीर्ण होने का प्रावधान शामिल रहेगा। ऐसे में पुराने शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता एक तरह से बंद हो रहा है। नए शिक्षक ही उच्च प्राथमिक के सहायक अध्यापक व प्राथमिक के प्रधानाध्यापक बन पाएंगे। इस आदेश से उन शिक्षकों को जरूर लाभ हो सकता है, जो अब भी अध्ययनरत हैं। वे टीईटी उत्तीर्ण भी कर सकते हैं।