फैक्ट फाइल

7000 लोग हर दिन स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचते हैं

2000 लोग प्रतिदिन अस्थि पूजा के लिए आते हैं यहां

1000 लोगों का पिंडदान के लिए होता है यहां आना

2000 के करीब साउथ इंडियन वेणी दान व सेतु पूजा के लिए पहुंचते हैं

4000 हजार लोगों करीब को सीधे तौर पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं से नियमित रोजगार मिलता है

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-लॉकडाउन के चलते गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन पर बंद हो गया श्रद्धालुओं का आना

-आम दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों सैलानी और श्रद्धालु आते हैं रोजाना

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-लॉकडाउन के चलते गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन पर बंद हो गया श्रद्धालुओं का आना

-आम दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों सैलानी और श्रद्धालु आते हैं रोजाना

prakashmani@inext.co.in

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प्रयागराज स्थित संगम सिर्फ देश ही नहीं, दुनिया में भी फेमस है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर दान, धर्म और पूजा का सनातन धर्म में महत्व बताया गया है। लेकिन कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के चलते इन दिनों आस्था के इस संगम पर खौफ का सन्नाटा पसरा हुआ है। आस-पास के एरिया की सड़कें सूनी पड़ी हैं। यहां के तीर्थपुरोहित भी पीएम मोदी के आह्वान पर खुद को घरों में बंद किए हुए हैं।

नहीं आ रहे कोई श्रद्धालु

-तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडेय बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते यहां लोगों का आना बिल्कुल बंद हो गया है।

-सैलानियों और श्रद्धालुओं के नहीं आने के कारण तीर्थपुरोहित, अन्य दुकानदार और मल्लाह भी खाली हैं।

-तीर्थ पुरोहितों के यहां घाट पर काम करने वाले लोग भी घाट पर बने झोपडि़यों में ही सीमित हैं।

-उनके लिए भोजन आदि का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा है। इससे उनकी प्रॉब्लम्स काफी ज्यादा बढ़ गई है।

स्नान-दान का है महत्व

-त्रिवेणी संगम पर कुंभ मेला और माघ मेला के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं।

-सनातन धर्म में संगम तट पर दान और पूजा का खास महत्व बताया गया है।

-तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक यहां अस्थि पूजा का विशेष महत्व है।

-शास्त्रों की मान्यता के अनुसार किसी भी रिश्तेदार या परिवार के सदस्य की मौत के बाद लोग उनकी अस्थियों को लेकर संगम तट पर पहुंचते हैं।

-यहां पर पूजा के बाद अस्थियों को संगम में जल में प्रवाहित किया जाता है।

अस्थि पूजा के लिए जिनका फोन आ रहा है, उनसे कहा जा रहा है कि लॉकडाउन तक अस्थियों को घर के बाहर किसी पेड़ पर टांग दें। जिससे लॉक डाउन खत्म होने के बाद पूजा करायी जा सके।

-प्रदीप पांडेय, निशान केसरिया झंडा

साउथ इंडिया से आने वाले श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में टिकट कैंसिल कराए हैं। इन लोगों के रहने का अलग से इंतजाम किया जाता है। लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी कार्यो पर असर पड़ा है।

-आशुतोष पालीवाल, निशान हरी मछली का झंडा

संगम तट हमेशा गुलजार रहता है। देश और विदेश से भी हजारों की संख्या में नियमित रूप से सैलानी व श्रद्धालु आते हैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते पूरा संगम वीरान पड़ा हुआ है।

-अखिल तिवारी, निशान हनुमान जी का झंडा