-कंपनी बाग के पास से पकड़े गए चार गुर्गे, सेना के कई अफसरों का कबूला नाम

-कौशांबी का मुलायम है गैंग का सरगना, फिलहाल राजस्थान में है तैनात

65 हजार रुपए तक लेते थे मेडिकल एग्जाम में पास कराने के लिए

02 लाख, पचास हजार रुपए लिए जाते थे पूरी भर्ती के लिए

25 लाख रुपए लखनऊ स्थित जेआरओ यानी जोनल रिक्रूटमेंट ऑफिस के बाबू को देने की बात स्वीकारी

02 लाख, 75 हजार रुपए बरामद किए गए आरोपियों के पास से

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PRAYAGRAJ: मिलिट्री भर्ती व मेडिकल परीक्षा में पास कराने वाले गैंग का सोमवार को सनसनीखेज खुलासा हुआ। सिविल लाइंस स्थित कंपनी बाग के पास से पकड़े गए गैंग के चार गुर्गो में दो सेना के जवान भी शामिल हैं। एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता की खबर मिलते ही अफसर तक चौंक गए। जानकारी मिलिट्री इंटेलीजेंस टीम को मिली तो वह भी एक्टिव हो गई। पकड़े गए लोगों के पास से भारी मात्रा में एडमिट कार्ड सहित तमाम अभिलेख और ढाई लाख से भी अधिक रुपए बरामद हुए हैं। पूछताछ में टीम को पता चला कि गैंग इस काम को कई साल से अंजाम दे रहा था।

एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता

अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नीरज कुमार पांडेय व व पुलिस उपाधीक्षक नवेंदु कुमार को गैंग के गुर्गो की खबर मुखबिर ने दी थी। रविवार को बात पता चलने के बाद उन्होंने जानकारी मिलिट्री इंटेलीजेंस टीम को दी। मिलिट्री इंटेलीजेंस टीम के साथ एसटीएफ कंपनी बाग के सामने जा पहुंची। वहां से कुल चार लोग गिरफ्तार कर लिए गए।

यह हुए गिरफ्तार

1. प्रदीप सिंह यादव पुत्र नारायण यादव निवासी महमूदपुर थाना नोनहरा गाजीपुर फायर इंजन ड्राइवर सीओडी छिवकी

2. संजय कुमार पांडेय पुत्र त्रियुगी पांडेय निवासी रामपुर बगहा टोला टकिया लक्ष्मीगंज रामकोला कुशीनगर। छह महार रेजीमेंट कारू लेह में नायक के पद पर तैनात।

3. तीसरा शातिर मनीष सिंह यादव पुत्र स्व। राजाराम यादव निवासी रामपुर बगहा टोला टकिया लक्ष्मीगंज रामकोला कुशीनगर।

4. त्रिपतीनाथ सरोज पुत्र प्यारे लाल सरोज निवसी मलसिल थाना सिकरारा जिला जौनपुर का निवासी।

यह हुई बरामदगी

गिरफ्तार आरोपियों के पास से टीम ने तीन अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, शैक्षिक अभिलेख, एडमिट कार्ड संग वॉट्सएप पर पैसों के लेनदेन के स्क्रीन शॉट व दो लाख 75 हजार रुपए बरामद किए हैं।

टॉप-टु-बॉटम तक फैला था जाल

-सेना भर्ती में सेंधमारी करने वाले इस गैंग का मास्टर माइंड लीडर गिरफ्तार मनीष की बुआ का बेटा मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव पुत्र राम अभिलाष यादव निवासी शाखा थाना सैनी जिला कौशांबी का निवासी है।

-अफसरों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव इस समय जोधपुर राजस्थान में सेना में कार्यरत है।

-मनीष मुलायम की बुआ का लड़का है। रिश्तेदारी में मुलाकात के दौरान मुलायम ने मनीष को भरोसा दिलाया कि वह सेना में भर्ती करवा देगा।

-इसके बाद मनीष अभ्यर्थियों की तलाशकर भर्ती करवाने का ठेका लेने लगा।

-मुलायम को पर्याप्त छुट्टी नहीं मिल पा रही थी। लिहाजा उसने सेना में ही भर्ती अपने दोस्त प्रदीप सिंह यादव व संजय कुमार पांडेय से मनीष को मिलवा दिया।

-अभ्यर्थी को मेडिकल में पास करवाने का रेड 60 से 65 हजार जबकि पूरी भर्ती करवाने के लिए वह दो से ढाई लाख रुपये लेते थे।

-सेटिंग करने के बाद वह अभ्यर्थियों का हाईस्कूल एवं इंटर सहित अन्य सारे सर्टिफिकेट रख लेता था।

-इसके बाद वह कैंडिडेट्स के सभी डॉक्यूमेंट्स वाट्सएप के जरिए मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय के पास भेज देते थे।

-मुलायम के सम्पर्क में लखनऊ स्थित जेआरओ यानी जोनल रिक्रूटमेंट आफिस का एक बाबू है।

-यह बाबू भर्ती से सम्बंधित गोपनीय अभिलेख मुलायम को अवेलेबल करवाता था।

-मनीष व प्रदीप सिंह यादव भर्ती करवाने के नाम पर अभ्यर्थियों से वसूले गए 25 लाख रुपये मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय के कहने पर चारबाग स्टेशन पर उस बाबू को दिया था।

-गिरफ्तार प्रदीप सिंह यादव ने मनीष यादव के बयान का समर्थन किया। बताया कि वह अभ्यर्थियों की तलाश गाजीपुर व नीलकंठ के कोचिंग और बक्सू बाबा एकेडमी के छात्रों के बीच किया करता था।

-यह भी बताया कि सरगना मुलायम सिंह यादव का संपर्क मिलिट्री हॉस्पिटल इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ आदि में काम करने वाले कई सेना व सिविल अधिकारियों एवं कर्मचारियों से हैं।

-इस रैकेट में वाराणसी जिले का संजय श्रीवास्तव और मऊ जिले के दो सगे भाई ऋषि कुमार गुप्ता और ज्ञानचंद्र गुप्ता भी शामिल हैं।

-ऋषि कुमार गुप्ता और ज्ञानचंद्र गुप्ता रिटायर्ड आर्मी मैन हैं। पकड़े गए गैंग के सदस्यों ने बताया कि उनका काम सिर्फ अभ्यर्थियों की तलाश कर मुलायम सिंह यादव तक उनके डॉक्यूमेंट पहुंचाना था।