अमिताभ बच्चन ने स्पष्ट किया है कि इस नये चैनल के लिए उन्होंने जनकल्याण की भावना से प्रचार अभियान में हिस्सा लिया था। यह फैसला उन्होंने काफी समय पहले लिया था। उन्होंने एक बयान जारी करके कहा है कि वे कहना चाहते हैं कि उन्होंने डीडी किसान चैनल के पक्ष में प्रचार के लिए दूरदर्शन के साथ कोई अनुबंध नहीं किया और न ही उन्हें उससे कोई धनराशि मिली है।

 

अमिताभ ने आगे कहा है कि उन्होंने डीडी किसान चैनल के प्रचार के लिए विज्ञापन एजेंसी लोवे लिंटास के साथ काम किया और उसके साथ न तो कोई अनुबंध किया और न ही लिंटास से कोई पैसा लिया है। ऐसा कहना गलत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रचार के सिलसिले में उनकी प्रस्तुति कई दिन पहले की गयी थी। अमिताभ ने बताया कि वे कई मुद्दों पर जनकल्याण की भावना से काम करते हैं, और डीडी किसान उन्हीं में से एक हैं।

 

असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 26 मई को पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन के किसान चैनल की शुरुआत की थी। ये वो दौर था जब कर्ज के बोझ तले दबे किसान खुदकुशी कर रहे थे। कहा जा रहा था कि चैनल की लॉन्चिंग से पहले ही चैनल के अधिकारियों ने बॉलिवुड सितारों को डीडी किसान के प्रचार-प्रसार के लिए उतारने की कोशिश शुरू कर दी थी। इस सिलसिले में अजय देवगन और काजोल के नाम पर भी विचार किया था। अंत में अमिताभ बच्चन का नाम फाइनल हुआ और इस प्रमोशन कैम्पेन की लागत तय हुई 6.31 करोड़ रुपये। ये भी कहा गया कि अमिताभ बच्चन के लिए यह अब तक का सबसे महंगा विज्ञापन है। इसी बात पर विवाद शुरू हो गया जिसका अमिताभ को बयान जारी करके स्पष्टीकरण देना पड़ा है।

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