जोधपुर जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका की परैवी के लिए भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रह्मण्यम स्वामी काफी इंतजार के बाद शुक्रवार को चार्टर्ड विमान से जोधपुर पहुंच गए थे। उन्होंने आसाराम की उम्र और सेहत के आधार पर जमानत देने की अपील की थी। जमानत पर बहस करीब एक घंटे तक चली। इससे पहले कोर्ट के बाहर भारी संख्या में मौजूद आसाराम के समर्थकों ने फूलों की बारिश कर स्वामी का जोरदार स्वागत भी किया था। बहस के बाद सत्र अदालत ने याचिका पर अपना फैसला शनिवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। बहस पूरी करने के बाद स्वामी ने कहा था कि उन्होंने अपनी ओर से बेहतर काम किया और उम्मीद है कि आदेश आसाराम के पक्ष में आएगा। अगर आसाराम को जमानत नहीं मिलती है तो वे हाईकोर्ट जाएंगे। उनको फंसाने में विदेशी ताकतों का हाथ है।

अभियोजन पक्ष के वकील पीसी सोलंकी ने आसाराम की जमानत का विरोध किया था। अतिरिक्त जिला और सेशन जज मनोज कुमार व्यास ने फैसला शनिवार तक सुरक्षित रख लिया था। मालूम हो कि आसाराम की जमानत याचिका दो बार निचली अदालत में, दो बार हाईकोर्ट में और एक बार सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद छठीं बार अपर सत्र अदालत में लगाई गई थी। फिल्हाल स्वामी के दावे और दलील कुछ काम नहीं आए और जमानत नहीं मिली है। स्वामी जोधपुर जाकर 23 अप्रैल को आसाराम से मिले थे और उनके केस में पैरवी का वादा किया था। आसाराम सितंबर 2013 से जोधपुर की जेल में बंद हैं।

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