कानपुर। दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में गाड़ियों से जुड़ा एक कार्यक्रम का आयोजन होता है, जिसे 'ऑटो एक्सपो' का नाम दिया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऑटोमोबाइल क्षेत्र में हुए विकास और देश में लॉन्च होने वाली नई गाड़ियों के बारे में जानकारी देना है। भारत में भी Auto Expo का आयोजन होता है। अगर आप गाड़ियों में रुचि रखते हैं या आपको कार या बाइक का ज्यादा शौक है तो यह जगह आपके के लिए बहुत शानदार है। इस साल Auto Expo 2020 7 फरवरी से 12 फरवरी तक उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित किया जा रहा है। इस साल के ऑटो एक्सपो में लगभग 90 से 100 गाड़ियां पेश की जाएंगी।इसी बीच, हम आपको ऑटो एक्सपो के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।
1985 में इसे आयोजित करने का किया गया था फैसला
ऑटो एक्सपो की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में ऑटो एक्सपो को आयोजित कराने का फैसला 1985 में किया गया था और 1986 में पहला बार इसका आयोजन हुआ था। 9 दिन तक चलने वाले इस शो को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने काफी प्रमोट भी किया था। उस वक्त इस शो को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य देश के ऑटोमाबाइल क्षेत्र में तेजी से विकास लाना और लोगों के बीच क्षेत्र को लोकप्रिय बनाना था।
2006 के बाद इस शो में हुआ बड़ा बदलाव
कई सालों तक यह शो सामान्य तरीके से चलता रहा लेकिन 2006 से इसमें बड़ा बदलाव देखा गया। 2006 से, इसमें नए लॉन्च, कॉन्सेप्ट वेहिकल, व्यापार संवाद और विशाल विदेशी भागीदारी को देखना शुरू कर दिया गया। इसके अलावा, 2012 तक भारत में ऑटो एक्सपो का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान होता था लेकिन 2014 के बाद से यह ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित होने लगा। इसका आयोजन ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA), भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
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