जाकिर कॉलोनी, समर गार्डन, लिसाड़ी गेट, भूमिया पुल, मंजूर नगर, आदि इलाकों के वार्डो में सफाई कर्मचारियों की संख्या भी 4 से 6 तक

इन इलाकों में डस्टबिन न होने पर सड़कों पर फैला रहता है कूड़ा

Meerut। शहर की स्वच्छता की जिम्मेदारी नगर निगम के कंधों पर है। इतना ही नहीं इस बाबत निगम सालभर भरपूर प्रयास भी करता है। बावजूद इसके शहर में जगह-जगह गंदगी और कूडे़ के ढेर लगे हैं क्योंकि भरपूर संसाधनों के बाद भी साफ-सफाई शहर के कुछ वार्डो तक ही सीमित है। इतना ही नहीं शहर में कूड़ेदान लगे हैं लेकिन किसी वार्ड में ज्यादा किसी में कम। वहीं सफाई कर्मचारियों की संख्या का भी अलग-अलग वार्डो में असमान वितरण है। जिससे शहर के कुछ वार्ड चमकते हैं तो कुछ में जगह-जगह गंदगी फैली रहती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने कैंपेन के तहत शहर के कुछ ऐसे ही क्षेत्रों का जायजा लिया जहां निगम की लापरवाही के चलते डस्टबिन की कमी और गंदगी का बोलबाला है।

डस्टबिन का असमान वितरण

इस साल अभी तक नगर निगम शहर में करीब डेढ़ करोड़ रुपये के 1450 डस्टबिन लगवा चुका है। जिनमें से अधिकतर मेन रोड, बाजार और पार्को के आसपास लगाए गए हैं लेकिन पुराने शहर के अधिकतर मोहल्ले डस्टबिन की कमी से जूझ रहे हैं। यहां अभी तक पुराने मूवेबल डस्टबिन से ही कूड़ा एकत्र किया जाता है। इनको खाली करने भी निगम की गाडि़यां दो से तीन सप्ताह बाद आती हैं। ऐसे में ये कूडे़दान ओवर फ्लो होकर इलाके को गंदा कर रहे हैं।

सीमित कर्मचारियों की ड्यूटी

शहर के 90 वार्डो की सफाई का जिम्मा लेने वाले सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी का भी निगम ने असमान वितरण कियाहै। शहर के वीआईपी वार्ड जैसे सिविल लाइन, शास्त्रीनगर, बेगमपुल, बच्चा पार्क आदि इलाकों के वार्डो में सफाई कर्मचारियों की संख्या 30 तक रखी गई है जबकि जाकिर कालोनी, समर गार्डन, लिसाड़ी गेट, भूमिया पुल, मंजूर नगर, मलियाना, टीपीनगर, शोभापुर, रिठानी आदि इलाकों के वार्डो में सफाई कर्मचारियों की संख्या 4 से 6 तक रखी गई है। वार्डो में फैली गंदगी की एक बड़ी वजह ये भी है।

भेजें आसपास की गंदगी के फोटो

शहर को साफ रखने की मुहिम में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को रीडर्स का सहयोग चाहिए। इसके लिए अगर आप घर के आसपास या मोहल्ले में कहीं भी कूड़ा, गंदगी, ओवर फ्लो डस्टबिन आदि की स्थिति देखें तो वहां कि फोटो क्लिक कर हमें 9457485150 व्हाट्सऐप नंबर पर भेज दें। हम आपकी बात को सही मंच तक पहुंचाएंगे।

इनका है कहना

शहर के कुछ वार्ड ही ऐसे हैं, जो काफी हद तक साफ दिखते हैं। खासतौर पर कमिश्नरी, साकेत आदि के आसपास का इलाका। इसके अलावा अधिकतर सभी इलाकों या मार्केट में जगह-जगह गंदगी ही दिखाई देती है। सड़क किनारे निगम द्वारा लगाए गए डस्टबिन भी अधिकतर जगह से या तो गायब हैं या जर्जर हालत में हैं।

हरी किशन वर्मा

लोहियानगर, काजीपुर, हापुड़ रोड ऐसे इलाके हैं, जहां निगम का डस्टबिन तो दूर खुद निगम ने अपना डंपिंग ग्राउंड बनाकर आसपास के क्षेत्र को डस्टबिन बना दिया है। हमारे वार्ड में स्टील डस्टबिन के नाम पर सालों पुराने गले हुए कैरिज डस्टबिन लगे हुए हैं।

रोहित गुर्जर

माधवपुरम में निगम के डस्टबिन केवल मेन रोड के आसपास तक सीमित हैं। जबकि अंदर कालोनी में कहीं डस्टबिन नहीं हैं। इसी का नतीजा है कि जगह-जगह कूड़ा और गंदगी फैली रहती है।

कमल प्रधान