-आयुष्मान योजना में नहीं है नए परिवार को जोड़ने का प्रावधान

-सर्वे के दौरान बढ़े हुए मेंबर्स की ली गई डिटेल

-अपनी शिकायतें लेकर सीएमओ ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं लोग

ALLAHABAD: आयुष्मान योजना को लेकर लोगों का कन्फ्यूजन बढ़ता जा रहा है। हाल ही में हुए सर्वे में लाभार्थी परिवारों में बढ़े हुए सदस्यों को जोड़ने का प्रावधान जरूर था। लेकिन किसी नए परिवार को सूची में शामिल करने का आदेश नहीं था। इसको लेकर लोगों में जबरदस्त कंफ्यूजन पैदा हो गया है। यह लोग लगातार सीएमओ ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं।

जल्द ही अपडेट हो जाएगी सूची

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान के तहत जिले के बीस ब्लॉक के तकरीबन बीस लाख लोगों को लाभांवित किया जाना है। इसमें शामिल परिवारों का चयन जनगणना 2011 के आधार पर किया गया है। यह लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। सात मई तक प्रत्येक ब्लॉक का सर्वे कर इन परिवारों की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया गया है। इनसे जुड़ी जानकारियों को एकत्रित करने के बाद जल्द ही सूची को अपडेट कर शासन को भेज दिया जाएगा।

किनको देना है तरजीह

बता दें कि वर्ष 2011 में तैयार हुई सूची का सर्वे कर लाभार्थियों को मोबाइल नंबर, आधार व पैन आदि की डिटेल ली गई है। यह भी देखा गया है कि पिछले आठ सालों में परिवार में कौन सदस्य कम हो गया या बढ़ गया है। इनकी डिटेल भी सूची में अपडेट की जानी है। इस बीच रोजाना कई लोग सीएमओ आफिस में पहुंचकर नए परिवारों को सम्मिलित करने की मांग कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि परिवार का विघटन हो गया है। ऐसे में नए परिवारों को भी जगह दी जाए। इस पर अधिकारी ऐसा करने से साफ इंकार कर रहे हैं।

बॉक्स।

योजना में मिलेगा 5 लाख का लाभ

इस साल 15 अगस्त को सरकार इस योजना की शुरुआत कर सकती है। फिलहाल ट्रेनिंग का काम चल रहा है। सर्वे में आई जानकारी को पोर्टल पर अपलोड किए जाने की जानकारी शुक्रवार से लखनऊ में शुरू होने जा रही ट्रेनिंग में दी जाएगी। इसमें यूपी के प्रत्येक जिले से लोगों को चिन्हित कर बुलाया गया है। योजना के तहत प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपए तक सालाना इलाज की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

वर्जन

इस योजना में लाभार्थी परिवारों के सदस्यों की संख्या को अपडेट किया जाना है। नए परिवारों को जोड़ने का प्रावधान नही है। इसको लेकर लोगों की कन्फ्यूजन को दूर किया जा रहा है। जल्द ही सूची तैयार कर दी जाएगी।

-वीके सिंह, डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएम