CBI पर भी कड़ा रुख
अयोध्या के बाबरी मस्जिद केस में सुप्रीम कोर्ट ने CBI की साख पर भी संदेह किया है. कोर्ट ने इस मामले में CBI को भी नोटिस भेजा है. इसके साथ ही इस नोटिस का जवाब देने के लिए सीबीआई सहित अन्य लोगों को सिर्फ 4 सप्ताह का समय दिया गया है. आपको बता दें कि यह नोटिस हाजी महमूद अहमद की याचिका पर भेजे गए हैं. इन्होंने बाबरी केस में आडवाणी व अन्य के खिलाफ आरोप हटाए जाने के खिलाफ अपील की थी. इसके अलावा अहमद का यह भी कहना था कि CBI इनके खिलाफ नरम रुख अपना रही है.

हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
याचिकाकर्ता ने 2010 में आए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने उस समय लाल कृष्ण आडवाणी को बाबरी मस्जिद तोड़ने के आरोपों से बरी कर दिया था. इसके बाद फैजाबाद के रहने वाले हाजी महमूद अहमद ने इस फैसले का विरोध किया और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. हाजी महमूद इस मामले से CBI की साख पर भी सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया है कि, CBI ने पूरे मामले में लालकृष्ण आडवाणी को बचाने की कोशिश की.

21 आरोपी हुए थे बरी

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में 21 आरोपियों को साजिश के आरोप से मुक्त कर दिया था. वहीं CBI ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलवी दायर की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह डिसीजन 20 मई 2012 को आया था, लेकिन CBI ने 8 महीने बाद इसके अगेंस्ट सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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