-बीसीबी स्टूडेंट्स के सब्जेक्ट बदले, अब चेंज करने के नाम पर वसूली जा रही है फीस

-सब्जेक्ट बदलवाने के लिए प्रिंसिपल और डीएसडब्ल्यू के लगा रहे हैं चक्कर

BAREILLY

बीसीबी की ऑनलाइन एडमिशन व्यवस्था स्टूडेंट्स पर भारी पड़ रही है। एजेंसी ने स्टूडेंट्स के आवेदन फार्म में भरे सब्जेक्ट चेंज कर दिए हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि एजेंसी अपनी गलती को कैश करा रही है। वह सब्जेक्ट चेंज करने के नाम पर स्टूडेंट्स से फीस वसूली जा रही है। वहीं, स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट चेंज कराने के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ रही है।

केस नं.1

बीए थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स अमित ने एडमिशन के वक्त आवेदन फार्म पर सब्जेक्ट के रुप में हिस्ट्री और हिन्दी साहित्य सब्जेक्ट भरे। काउंसलिंग होने पर उसने 4513 रुपए फीस जमा कर दी। एजेंसी ने जब आई कार्ड जारी किया, तो उसमें लिखे सब्जेक्ट देकर स्टूडेंट का सिर चकरा गया। एजेंसी ने हिन्दी साहित्य की जगह उसे साइकोलॉजी सब्जेक्ट दे दिया।

केस नं.2

बीए फ‌र्स्ट ईयर के स्टूडेंट मो। फहीम ने मिलेट्री साइंस को सब्जेक्ट के रुप में भरा। लेकिन एजेंसी ने उसे ड्राइंग एंड पेटिंग दे दी। अब एजेंसी सब्जेक्ट बदलने के नाम पर उससे 240 रुपए बतौर फीस के मांग रही है। अब स्टूडेंट सब्जेक्ट बदलवाने के लिए बीसीबी के चक्कर लगा रहा है।

यह दो केस तो बानगी भर हैं। बीसीबी में ऐसे सैकड़ों स्टूडेंट्स हैं, जो एजेंसी की गलतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं। सब्जेक्ट चेंज नहीं होने के कारण वह क्लास अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। मामला संज्ञान में आने पर स्टूडेंट लीडर ने एजेंसी को बाहर किए जाने की मांग की है। वहीं, स्टूडेंट्स की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्रिंसिपल ने सब्जेक्ट चेंज कराने के लिए डीएसडब्ल्यू डॉ। पीके अग्रवाल को अधिकारी नियुक्त कर दिया है। हालांकि प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स पर पड़ रही दोहरी मार को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

वर्जन

एजेंसी की गलती के चलते कुछ स्टूडेंट्स के सब्जेक्ट चेंज हो गए हैं। इस कारण स्टूडेंट्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स डीएसडब्ल्यू से सब्जेक्ट चेंज करा सकते हैं।

डॉ। सोमेश यादव, प्रिंसिपल