- शहर और कैंट सीट पर देखने को मिल सकती है कांटे की टक्कर

- जिले के बाकी तीन सीटों पर भी महागठबंधन को मिलेगी चुनौती

BAREILLY:

बरेली जिले की नौ विधानसभा सीटों में से पांच पर बीजेपी व बसपा के सीटिंग एमएलए को सपा-कांग्रेस गठबंधन से कड़ी टक्कर मिल सकती है। हालांकि, इन पांच सीटों पर बीजेपी व बसपा के लड़ रहे सीटिंग एमएलए का अपने-अपने क्षेत्र में पब्लिक के बीच काफी प्रभाव है। बावजूद इसके गठंबधन की गुणा-गणित में महारथियों को जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है। क्योंकि, पिछले विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस को मिले वोट के आधार पर देखें तो इस चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।

तो वोट का अंतर है बेहद कम

बीजेपी से कैंट से राजेश अग्रवाल और शहर से डॉ। अरुण कुमार को टिकट मिल चुका है। गठबंधन की बात के चलते सपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा इन दोनों सीट से होनी बाकी है। सपा ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी थी, लेकिन कांग्रेस से गठबंधन होने के चक्कर में सपा घोषित उम्मीदवारों के टिकट को कैंसिल कर दिया। अब इन दोनों सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के उतरने की उम्मीद बढ़ गई है। खैर, उम्मीदवार चाहे जो हो, लेकिन बीजेपी के कैंट उम्मीदवार राजेश अग्रवाल और शहर उम्मीदवार अरुण कुमार को चुनौती मिलना तय माना जा रहा है। साल 2012 में कैंट से चुनाव जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवार राजेश अग्रवाल को 51893 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर सपा के फहीम साबीर अंसारी को 32944 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस की उम्मीदवार सुप्रिया ऐरन को 16310 वोट मिले थे। सपा और कांग्रेस के मिले वोट को जोड़ दे तो टोटल वोट 48554 है। जो बीजेपी उम्मीदवार से करीब 3 हजार वोट कम है। कुछ ऐसा ही हाल शहर विधानसभा क्षेत्र का भी है। शहर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार रहे डॉ। अरुण कुमार को 68983 वोट मिले थे। जबकि, सपा के डॉ। अनिल शर्मा को 41,921 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के मुजाहिद हसन खान को 8016 वोट मिले थे। सपा और कांग्रेस के वोट को मिला दे तो यह संख्या 49937 पर पहुंच जाएंगी।

बाकी तीन सीट पर भी दावा हुआ मजबूत

वहीं आंवला, बिथरी और मीरगंज विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी और बसपा के सीटिंग एमएलए के लिए भी गठबंधन के उम्मीदवार चुनौती दे सकते हैं। आंवला के विधायक धर्मपाल ने 50,782 वोट पिछले चुनाव में हासिल किए थे। जबकि, सपा के महिपाल सिंह यादव को 46,374 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार अनुपमा मौर्या को 15715 वोट मिले थे। इस हिसाब से देखा जाए तो धर्मपाल को इस चुनाव में जीतना इतना आसान नहीं होगा। वहीं बिथरी चैनपुर से बसपा विधायक वीरेंद्र सिंह और मीरगंज के विधायक सुल्तान बेग को भी जीत हासिल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। बिथरी से वीरेंद्र सिंह ने पिछले चुनाव में 55972 वोट हासिल किए थे। जबकि सपा के धर्मेद्र कुमार 52557 वोट और कांग्रेस के अलाउद्दीन खान 2833 वोट हासिल किए थे। जबकि मीरगंज विधानसभा सीट से बसपा के सुल्तान बेग ने 57446 वोट पाकर जीत हासिल की थी। वहीं सपा के जाहिद हुसैन को 35299 और कांग्रेस के हुसली राम को 3910 वोट मिले थे।

चुनौती दे सकते है, मात देना आसान नहीं

ऐसे में देखा जाए तो वोट का अंतर बहुत ही कम हो जा रहा है। गठबंधन से सपा-कांग्रेस मजबूत हुई है, लेकिन जिस तरह विपक्षी उम्मीदवारों के सिर जीत का सेहरा बंधा है कुछ कहा नहीं जा सकता। सपा व कांग्रेस एक होकर बीजेपी, बसपा उम्मीदवारों को टक्कर तो दे सकते है, लेकिन मात दे पाना इतना आसान नहीं होगा।