यूजीसी ने जारी की नई गाइडलाइन, प्रैक्टिकल के लिए वर्चुअल क्लासेज पर दिया जोर

BAREILLY

प्रैक्टिकल के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज की लैब में अब मृत जीव-जन्तुओं के भी डिटेक्शन (चीर फाड़) पर यूजीसी ने रोक लगा दी है। मालूम हो कि प्रीवेंशन ऑफ एनिमल एक्ट के तहत पहले ही जिंदा जीवों की चीर फाड़ पर रोक है, लेकिन मृत जीवों पर प्रैक्टिकल के संबंध में कोई गाइडलाइन नहीं थी, इस नाते एमएससी और बीएससी के स्टूडेंट्स को मृत जीवों की सप्लाई की जाती थी। साथ ही यूजीसी ने वर्चुअल क्लासेज के जरिए स्टूडेंट्स को जीव संरचना की जानकारी देने पर जोर ि1दया है।

कमेटी रखेगी प्रैक्टिकल पर नजर

प्रीवेंशन ऑफ एनिमल एक्ट के बाद भी बहुत से कॉलेज और यूनिवर्सिटी जीव-जन्तु की चीर फाड़ हो रही थी। खुद आरयू में भी मृत जीवों पर प्रैक्टिकल कराए जाते हैं। इस नाते जीव-जन्तुओं की चीर-फाड़ पर रोक लगाने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन व वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसके लिए और कड़े नियम बनाए हैं। इसके तहत एक फ ॉर द पपर्स ऑफ कंट्रोल एंड सुपरविजन ऑफ एक्सपेरिमेंट ऑन एनिमल्स (सीपीसीएसईए) कमेटी बनाई गई है, जो लैब में होने वाले प्रैक्टिकल पर नजर रखेगी। साथ ही एक इसी नाम से वेबसाइट भी बनाई गई है। जिससे सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को इससे जुड़ना होगा।

30 अप्रैल से पहले रजिस्ट्रेशन

सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को 30 अप्रैल से पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए एक हजार रुपए का डिमांड ड्राफ्ट बनवाना होगा, जिसकी स्कैन कॉपी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट पर जानकारी फीड करने के बाद मेल आईडी पर लिंक भेजा आएगा। जिसे यूजर को तुरंत एक्टिवेट करना होगा। जब सभी यूनिवर्सिटीज इससे जुड़ जाएंगे, तो प्रैक्टिकल कैसे करवाना है, इसकी जानकारी वेबसाइट के माध्यम से दी जाएगी। वहीं यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को वर्चुअल क्लासेज पर जोर दिया है। यूजीसी के चेयरमैन डॉ। वेद प्रकाश ने लेटर में लिखा है कि आधुनिक युग में नए तरीके के सॉफ्टवेयर मार्केट में हैं, जिनका प्रयोग करके भी स्टूडेंट्स को जीव सरंचना के बारे में बताया जा सकता है। इसलिए लैब में जन्तुओं की चीर फाड़ की जरूर नहीं है।

यूजीसी ने प्रैक्टिकल के लिए मृत जीव-जन्तुओं के डिटेक्शन पर भी रोक लगा दी है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को वर्चुअल क्लासेज के माध्यम से देने का निर्देश दिया है।

प्रो। नीलिमा गुप्ता, एनिमल एंड प्लांट साइंस, एचओडी