RANCHI : सरकारी डिपार्टमेंट में किस तरह लापरवाही बरती जा रही है। नगर निगम इसका ताजा उदाहरण है। मानसून खत्म होने को है तो अब जाकर स्टाफ को रेन कोट और छतरी बांटने की याद आई है। जबकि पूरे बरसात स्टाफ्स ने भीगकर शहर में सफाई का काम किया। वहीं खरीदे गए रेन कोट व छतरी को वार्ड पार्षदों को बांटने की जिम्मेवारी दी गई है। बचे बरसात में अब ये कितने स्टाफ को मिल पाएगा? ये भी एक बड़ा सवाल है।

दो हजार रेन कोट खरीदे गए

रांची नगर निगम में दो हजार सफाई कर्मी हैं। ऐसे में सभी सफाई कर्मियों के लिए रेनकोट खरीदने की योजना बनाई गई। अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण आधा बरसात खत्म होने के बाद टेंडर कर दो हजार रेनकोट खरीदे गए। यही नहीं इन दो हजार स्टाफ को रेनकोट बांटने का जिम्मा वार्ड पार्षद और सुपरवाइजरों को दिया गया है। जहां हर दिन वार्ड ऑफिस में रेन कोट बांटने का काम चल रहा है। इतना ही नहीं रेन कोट बांटने के बाद फोटो सेशन का भी दौर चल रहा है।

दो हजार सफाईकर्मी हैं तैनात

नगर निगम क्षेत्र में 53 वार्ड हैं। जहां सफाई से लेकर नाला उड़ाही का काम सफाईकर्मी करते हैं। शिफ्ट में काम के कारण सफाईकर्मियों को दिन-रात काम करना पड़ता है। वहीं सफाई के लिए स्पेशल टास्क फोर्स को ऑन कॉल ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है। ऐसे में इन दो हजार सफाईकर्मियों को 24 घंटे ड्यूटी के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है। लेकिन इनके पास अब तक रेन कोट नहीं होने के कारण उनके पास भीगकर सफाई करने के अलावा कोई चारा भी नहीं था।