नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय क्रिकेट टीम को सीमित ओवरों को नया कप्तान मिल गया है। रोहित शर्मा अब वनडे और टी-20 में भारत की अगुआई करेंगे। कोहली ने टी-20 में पहले ही कप्तानी छोड़ दी थी मगर वनडे में उन्होंने खुद कप्तानी से इस्तीफा नहीं दिया। जिसके बाद बीसीसीआई सलेक्शन कमेटी ने बड़ा फैसला लेते हुए विराट से कप्तानी छीनी और रोहित के हाथ में सौंप दी। टी-20 वर्ल्डकप में भारत के नाॅकआउट से पहले बाहर होते ही विराट की बतौर कप्तान उल्टी गिनती शुरु हो गई थी। विराट ने टी-20 की कैप्टेंसी तो छोड़ दी मगर वनडे में वह अभी भी कप्तान बने रहना चाहते थे।

विराट 2023 वर्ल्डकप तक रहना चाहते थे कप्तान
यह पता चला है कि बीसीसीआई पिछले 48 घंटों से कोहली के वनडे से कप्तानी छोड़ने का इंतजार कर रहा था। मगर जब विराट ने इस्तीफा नहीं दिया तो बोर्ड को कहना पड़ा कि उन्होंने नया कप्तान चुन लिया है। बोर्ड ने सीधे तौर पर विराट से कप्तानी लेने की बात नहीं बताई मगर रोहित को कमान सौंपना यह बताता है कि इस बार सलेक्शन कमेटी ने कड़ा फैसला लिया। माना जा रहा है कि विराट 2023 वनडे वर्ल्डकप में भारत में कप्तानी करना चाहते थे।

कोहली को जो काम दिया गया, वह नहीं कर पाए
कोहली के बतौर कप्तान कार्यकाल की एक अलग कहानी रही है। उन्हें शांत रहने वाले कैप्टन कूल एमएस धोनी के बाद कप्तान नियुक्त किया गया था। टीम के नेता बनते ही विराट ने एक अलग शैली दिखाई। विराट के अंदर आक्रामकता थी। कप्तान बनने के बाद अगले दो सालों में ही वह टीम के सबसे ताकतवर खिलाड़ी बन गए जो अपने तरीके से काम कर सकते थे। इसमें उन्हें मदद मिली सुप्रीम कोर्ट द्वारा संचालित प्रशासकों की एक समिति थी, जो उनकी हर मांग को मानती थी चाहे चह उचित हो या अनुचित। यह कारवां यूं ही चलता रहा, मगर विराट को जिस काम के लिए लाया गया था वह कर नहीं सके। कोहली ने भारत को एक भी ट्राॅफ नहीं दिलाई।

विराट के अंदर टीम मैन की कमी
अंत में, भारत के सामने सफेद गेंद के दो अलग-अलग कप्तान नजर आए। टी-20 में जहां रोहित कप्तानी कर रहे हैं तो वनडे की कैप्टेंसी विराट के पास थी। ऐसे में सफेद गेंद के खेल में दो कप्तानों का काॅन्सेप्ट शायद ही किसी को समझ आता। भारतीय ड्रेसिंग रूम में सबसे बुरी बात यह है कि उनका कप्तान टीम में सबसे लोकप्रिय व्यक्ति नहीं होता है। कोहली एक मुखर व्यक्ति हैं, लेकिन अपने लोगों के बीच रहकर वह टीम मैन नहीं बन पाए। पीटीआई ने 16 सितंबर को लिखा था कि कैसे कोहली से ड्रेसिंग रूम दूर हो गया और यह एक दिन में नहीं हुआ।

अंदर की बात आई थी सामने
कुछ साल पहले उस भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रहे एक खिलाड़ी ने कहा, "विराट के साथ सबसे बड़ी समस्या हमेशा विश्वास के मुद्दे रहे हैं। वह कम्यूनिकेशन को लेकर हमेशा बोलते हैं मगर बुरे दौर से गुजर रहे खिलाड़ियों को बैक करने की बात आती है तो कप्तान विराट यहां फेल हो जाते हैं। पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल के साक्षात्कारों में सलाह दी है कि कोहली अपनी बल्लेबाजी पर बेहतर ध्यान केंद्रित करेंगे, लेकिन शायद उन्होंने अपने कार्यकाल में विराट को टीम मैनेजमेंट शायद नहीं सिखाया। इससे पहले अनिल कुंबले ने कोशिश की और बुरी तरह असफल रहे।

कोहली की कप्तानी में खिलाड़ी असहज रहते
ऐसी कई घटनाएं हैं जहां खिलाड़ी कुछ असफलताओं के बाद टीम में अपने स्थान को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं। कोहली द्वारा कुलदीप यादव की हैंडलिंग उनकी कप्तानी का सबसे खराब उदाहरण है। जहां एक शानदार प्रतिभा को यह नहीं पता था कि उससे कहां गलती हो गई और वह क्यों एक स्टार गेंदबाज से गुमनामी में खो गया। कुलदीप ही नहीं, बहुत सारे खिलाड़ी थे, जो कभी नहीं जानते थे कि उनकी आखिर टीम में भूमिका क्या है। क्रिकेट गलियारे में चर्चा है कि विराट कोहली, इंग्लैंड सीरीज के अंत में, शास्त्री के नेतृत्व वाले पूर्व सहयोगी स्टाफ के साथ भी नहीं मिले। ऐसा नहीं था कि उनके बीच कोई लड़ाई थी, लेकिन यह सिर्फ इतना था कि कोहली और शास्त्री ने अंत में एक-दूसरे को नहीं देखा।

रोहित के रूप में मिला बड़ा भाई
एमएस धोनी जब कप्तान थे तो उनका होटल का कमरा हमेशा खुला रहता था और खिलाड़ी कभी भी आ सकते थे, रूम सर्विस का आर्डर दे सकते थे, PS4 (प्ले स्टेशन)खेल सकते थे और आराम कर सकते थे। यह सिर्फ कप्तान और खिलाड़ी के बीच का संबंध था। इसके बाद विराट कोहली जैसे ही कप्तान बने वह अन्य खिलाड़ियों से अलग हो गए। ऐसे में जो जूनियर खिलाड़ी थे उन्हें जरूरत थी एक बड़े भाई की, जो उन्हें रोहित के रूप में मिला। रोहित अपने जूनियर्स को भोजन के लिए बाहर ले जाते और जब कोई पांच मैचों में 50 से कम रन बनाता, तो वह उनके पास आते और बेझिझक कहते "चिंता मत करो, मैं तुम्हारे साथ हूं।"

Cricket News inextlive from Cricket News Desk