ड्रग डीलर और प्रॉस्टीट्यूट समझते हैं लोग
महेश अफ्रीकी लोगों की लाइफ शूट करने के लिए जयपुर, दिल्ली, बेंगलुरु और मणिपुर सहित कई शहरों में घूमे। यहां महेश ने अफ्रीकी स्टूडेंट्स के रहन-सहन का तरीका दिखाया है। ये अफ्रीकी लोग भारत या तो एमबीए या फिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आए हुए हैं। ये सभी नाइजीरिया, जमैका और तंजानिया से हैं। फोटोग्राफी के दौरान महेश को महसूस हुआ कि अफ्रीकन को इंडिया में ड्रग डीलर, ठग और प्रॉस्टिट्यूट की तरह देखा जाता है। इसी वजह से उन्हें घर मिलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए ज्यादातर अफ्रीकी शहर से थोड़ा दूर रहते हैं। इससे उन्हें आसानी से सस्ते घर मिल जाते हैं।
अब लगता है भारतीयों से डर
महेश ने अफ्रीकन के कुछ अच्छे और बुरे सभी अनुभवों को अपने कैमरे में कैद किया है। इस साल फरवरी के मध्य में तनजानिया की एक महिला के साथ भीड़ ने काफी बुरा सलूक किया था। इसके अलावा बंगलुरु में एक 21 साल की अफ्रीकन लड़की भी भारतीयों के बुरे व्यवहार का शिकार बनी। इस लड़की को जब हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, तो इसने मीडिया के सामने कबूला था कि उसे अब हर एक भारतीय से डर लगता है।
वेडिंग फोटोग्राफी से की थी शुरुआत
बंगलुरु में रहने वाले महेश 2005 में वॉशिंगटन में रहते थे। इसके बाद वे फोटोग्राफी की पढ़ाई करने पेरिस चले गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद इंडिया आकर एक वेडिंग फोटोग्राफर के रूप में अपनी पहचान बनाई। करीब छह साल फोटोग्राफी करने के बाद उन्होंने मैट्रिमेनिया नाम की एक फोटो सीरीज बनाई। इसमें उन्होंने इंडियन वेडिंग कल्चर के प्रेजेंट किया। इसके साथ महेश कुछ पॉलिटिकल असाइनमेंट भी कर चुके हैं।
National News inextlive from India News Desk
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