मुंबई (आईएएनएस)। फिल्म एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने कम समय में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। भूूमि की खासियत है कि वह अलग हटकर किरदार चुनती हैं। जैसे "दम लगा के हईशा", "शुभ मंगल सावधान", "टॉयलेट: एक प्रेम कथा" और "पति, पत्नि और वो" जैसी फिल्मों में मजबूत भूमिकाओं के साथ बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई है। हालांकि ये सभी फिल्में हिट होने के बावजूद स्टारडम उन पर हावी नहीं है। भूमि कहती हैं, 'मैं वही लड़की हूं। ईमानदारी से कहूं तो मेरे अंदर कुछ नहीं बदला। सफलता भले ही मिली हो, मगर उसने मुझे चेंज नहीं किया। मैं अभी भी बहुत महत्वाकांक्षी हूं, मेरी आंखों में अभी भी बड़े-बड़े सपने हैं।'

यशराज फिल्मस में करती थी नौकरी
एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि जीवन में मेरा सबसे बड़ा फैक्टर यह था कि मैंने बहुत कम उम्र में फैसला ले लिया था कि, मुझे एक्टर ही बनना है।' भूमि का साफ कहना है कि, वह कुछ अलग करना चाहती हैं। वह चूहे की दौड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहती और इस बारे में स्पष्ट नजरिया है। एक्ट्रेस कहती हैं, 'सौभाग्य से मुझे अभिनय की कोशिश करने का अवसर मिला। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरे पास अवसर थे, और यह सब यशराज फिल्म्स में उस एक नौकरी के साथ शुरू हुआ। जब मैंने उनके साथ शुरुआत की तो मैं 17 साल की थी।



फिल्में ने मिलती तो चली जाती विदेश
भूमी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जर्नी के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि, वह प्रोडक्शन हाउस में सहायक कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में शुरू हुई थी। इसके बाद 'दम लगा के हईशा' में मुख्य अभिनेत्री के रूप में बड़े पर्दे पर सबके सामने आई। भूमि कहती हैं, "मैं ईमानदारी से कहूं तो वापस विदेश जाने की सोच रही थी। मुझे पता था कि मुझे काम करना शुरू करना होगा अन्यथा मेरे माता-पिता मुझे आगे की शिक्षा के लिए विदेश भेज देंगे। मगर एक फिल्म के साथ मेरा जीवन बदल गया। उसके बाद कोई रोक-टोक नहीं थी।'

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