पटना (आईएएनएस)। बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा है। बिहार में बाढ़ का पानी अब 11 जिलों तक फैल गया है, जिससे राज्य के लगभग 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य पर्याप्त साबित नहीं हो रहे हैं। लोग बेहाल हैं। राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं और बह रही हैं। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि वीरपुर बैराज के पास कोसी का जलस्तर सोमवार को सुबह 6 बजे 1.55 लाख क्यूसेक से बढ़कर 1.62 लाख क्यूसेक हो गया है। गंडक नदी सुबह 6 बजे बाल्मीकिनगर बैराज पर 1.89 लाख क्यूसेक पर बह रही थी, जो सुबह 8 बजे 2.9 मिलियन क्यूसेक तक पहुंच गई।

हर दिन लगभग 1,77,065 लोगों को भोजन दिया जा रहा

बिहार में लगभग सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा, बागमती, गंडक, कमला बलान, महानंदा और घाघरा जैसी नदियां कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त सचिव रामचंद्र डू ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग बिहार में विभिन्न नदियों के बढ़े जल स्तर को देखते हुए बचाव और राहत कार्य कर रहा है। नदियों के जल स्तर में वृद्धि के कारण बिहार के 11 जिलों में 86 ब्लॉकों में 625 पंचायतें डूब गई हैं और लगभग करीब 15 लाख लोग इसकी वजह से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि 26 राहत शिविरों में लगभग 14,011 लोग रह रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 463 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जो हर दिन लगभग 1,77,065 लोगों को भोजन देते हैं।

टीमें सभी बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और बचाव कार्य में लगी

इसक अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सभी बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 1,36,464 लोगों को नावों की मदद से प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए हेलीकॉप्टरों द्वारा भोजन के पैकेट गिराए जाते हैं। लोग राष्ट्रीय राजमार्गों और तटबंधों पर ऊंचे स्थानों की खोज में जुटे हैं।वहीं इस दाैरान लोगों की शिकायत है कि सरकार बाढ़ प्रभावितों को पर्याप्त सुविधा नहीं दे पा रही है। गोपालगंज, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में हालात बदतर हो गए हैं। बाढ़ प्रभावित तमाम लोग गोपालगंज और मुजफ्फरपुर की सड़कों पर रह रहे हैं।

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