PATNA: पटना के शहरी इलाकों के करीब क्.फ्8 लाख परिवार और करीब 90 फीसदी आबादी ठोस ईधन के जरिए खुले में खाना पकाने को विवश हैं। कारण है कि लकडि़यों, कंडे और कोयले का प्रयोग रसोई घर में काफी प्रचलित है। इस वजह से प्रदूषित धूलकणों, ग्रीन हाउस गैस और अल्पकालिक प्रदूषकों का उत्सर्जन होता है। इस चिंता को लेकर सीड के द्वारा घरेलू वायु प्रदूषण को खत्म करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है।

इस संबंध में पटना में आयोजित कार्यक्रम में संस्था के सीइओ रमापति कुमार ने कहा कि सरकार को शहर में गंभीर होते हुए वायु प्रदूषण से निबटने में तत्परता दिखानी चाहिए। यह चूंकि दिनचर्या में शामिल है, इसलिए इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। तभी हम ऐसा वातावरण तैयार कर सकते हैं कि जिसमें एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया जा सके। इससे स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा।

-संसाधनों का करें बेहतर इस्तेमाल

वायु प्रदूषण के खिलाफ आयोजित सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि विकास के लिए विश्वसनीय और किफायती ऊर्जा बेहद महत्वपूर्ण है। इसके साथ-साथ संसाधनों का दक्षतापूर्वक प्रयोग भी आवश्यक है। यह सम्मेलन स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग के लिए एक बेहतर पहल है। राज्य में वैकल्पिक ऊर्जा के श्रोतों पर आधारित स्वच्छ रसोई प्रणाली आज की मांग है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार स्वच्छ और किफायती रसोई प्रणाली उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।